झांसा
”धरती मां, आज तुम महाविनाश के कगार पर कैसे पहुंच गई हो? तुम तो सर्व समर्थ थीं. रत्नगर्भा, सुजलां, सुफलां,
Read Moreआज डिस्को लाइट के बारे में कुछ पढ़ने को मिला. क्या, वह तो हम अंत में बताएंगे, लेकिन हमने सोचा
Read Moreनिशांत को सहसा उस दिन की याद आ गई, जब सीमा को प्रसव के लिए वह अस्पताल लाया था. सीमा
Read Moreकामना है यही न हमें मंज़िल की तिश्नगी थी, न तलाश हमें तो राह के कांटों से ही राहत मिल
Read Moreरोज की तरह आज भी सैर के समय वह व्यक्ति मिला. यहां कोई ”नमस्ते” या ”राम-राम” समझने वाला तो है
Read Moreआज उसे नतीजे में एक और जीत हासिल हुई थी. जीत के जश्न की खुशी मनाते हुए उसे अपना अतीत
Read Moreसूर्य का प्रभामंडल हर एक का एक औरा होता है, जिसे हम प्रभामंडल कहते हैं, इसी प्रभामंडल में उसके सभी
Read More”लिलीSSS, लिलीSSS इधर आओ” बहुत दिनों बाद शालिनी की तेज-तर्रार आवाज में लिली का नाम सुनाई दिया. जिज्ञासावश मैं यह
Read Moreआज विनीता अपनी बहू के नए घर की खुली हवा में सांस ले रही थी, पर मन के वातायन से
Read Moreडगमगाते बच्चों को देख मां का आंचल तार-तार हो जाता है. समझाने की पूरी जिम्मेदारी भी उसीके जिम्मे आती है. ”अविश्वास
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