<span;>स्वामी विवेकानंद के अभिन्न सहयोगी थे खेतड़ी के महाराजा अजीत सिंह <span;>शिकागो के धर्म सम्मेलन में हिंदुत्व का डंका बजाने वाले स्वामी विवेकानंद का संबंध झुंझुनूं के खेतड़ी कस्बे से आत्मीय पूर्ण रहा था।नरेन्द्रनाथ को विवेकानंद का नाम देने का श्रेय खेतड़ी को ही हैं।अप्रैल 1891 में महाराजा अजीत सिंह ने माउंट आबू में स्वामी […]
Author: मनु प्रताप सिंह चींचडौली
प्रेम की पाती
प्रेम की पाती दूर कहीँ से साथी को लिखती विरहणी पाती। वर्षों की प्रतीक्षा, प्रेम से वंचित। तड़पन की पराकाष्ठा से, पत्र हैं संचित।। परिणय सूत्र बन्धन से, पति का देवलोकगमन। क्योँ भूलूँ किंचित पलो के, पति प्रेम का सुंदर रमण।। सुना हैं पति प्रेम ही भक्ति, बनूँगी मीरा जैसी। न परवाह वैधव्य की,, यह […]
महान क्षत्रिय तपस्वी वीर दुर्गादास राठौड़
स्वामिभक्त वीर दुर्गादास राठौड़ महापुरुषों की पूजा उनके नाम,कुल,जाति या किसी धर्म से नहीं होती बल्कि उनकी पूजा सिद्धांत तत्वों की होती हैं, जिन्होंने पूरा जीवन उस तत्व के लिए खपा दिया।श्री राम मर्यादा से जाने गये तो श्री कृष्ण कर्मयोगी से।उन्हीं महापुरुषों में वीर दुर्गादास राठौड़ […]
वीर शिरोमणि महाराव शेखाजी
शेखावाटी के संस्थापक वीर शिरोमणि महाराव शेखाजी मध्यकालीन राजस्थान के इतिहास के विशिष्ट अध्याय हैं।उन्होंने अपने पुरुषार्थ बल के दम पर 360 गाँवों पर अधिकार कर शेखावाटी साम्राज्य की नींव डाली।शेखाजी के पश्चात उनकी पीढ़ियों ने त्याग और बलिदान के द्वारा शेखावत वँश की ख्याति को सर्वत्र प्रसारित किया।नारी मान मर्यादा के रक्षक और साम्प्रदायिक […]
अमर क्रांतिकारी रानी लक्ष्मीबाई
अमर क्रांतिकारी रानी लक्ष्मीबाई 18 जून की तारीख राष्ट्र के लिए एक वीर अबला नारी के बलिदान दिवस का दिन हैं।बुन्देलखण्ड की माटी के कण कण में रानी लक्ष्मीबाई की महागाथा संचित हैं।उनका नाम भारतीय इतिहास के दैदीप्यमान नक्षत्र में प्रमुखता से लिया जाता हैं।राष्ट्रीय स्वाधीनता युद्ध की बलिवेदी में झाँसी की रानी का नाम […]
गौरवशाली भारतीय इतिहास का जाज्वल्य नाम-सम्राट पृथ्वीराज चौहान
सम्राट पृथ्वीराज चौहान का नाम भारतीय इतिहास में प्रमुख शासकों में अग्रणी के रूप में लिया जाता हैं।ऐसे पराक्रमी शासक की जयंती ज्येष्ठ कृष्ण पक्ष द्वादशी को(7 जून) हैं।उनका जीवनकाल लगभग 1166-1192 ईस्वी तक रहा।उनका युग 900 वर्षों से भी अधिक समय पहले बीत चुका हैं, किन्तु उनके नाम की अमरता आज भी जीवित हैं।सम्राट […]
स्वाधीनता के महानायक महाराणा प्रताप
वीरता , दिलेरी व देशभक्ति के लिए जो लोग इतिहास में प्रसिद्ध हैं, उनमें महाराणा प्रताप का नाम सबसे ऊपर है।उनका महान व्यक्तित्व सौन्दर्य,तेजस्विता,लौह शरीर को देखकर उन्हें अवतारी या युगपुरुष कहने में कोई अतियुक्ति नहीँ होगी।महाराणा प्रताप ने 25 वर्षों तक अपनी मातृभूमि को स्वतंत्र करने के लिए मुगलों से संघर्ष करके हिन्दुओ के […]
रिश्तों का अपनापन
रिश्तों का अपनापन प्रेम-राग के गीतों में , ठुनकता अपनापन। आत्मीय से लबरेज़ अनूठा, झलकता अपनापन।। गुरुकुल और आनन्दों की वो संगोष्ठियाँ, बिछुड़े मित्रों की याद में, भावुक अपनापन।। जन्म-मरण तक साथ का वो अनूठा बन्धन, माता-पिता के अदभुत प्रेम से,दमकता अपनापन।। लड़ते-झगड़ते के,बचपन के वो यादें, भाई-बहिन के साथ से होता,सशक्त अपनापन।। मिले थे […]
हुँकार
वीर सदैव ठोकते,महादंगल की ताल। होगी अब प्रज्ज्वलित, शक्ति की ज्वाल। तीर वर्षा में वीर तुम,सम्मुख करो ढाल। अभिमन्यु के भाँति तुम,भेद करो जंजाल। वीर भोग्या वसुंधरा मात्र,यहीँ भारत की पुकार। मृत्यु-संकट के मद्यपान से,गूँजे मतवालों की हुँकार।। वीर पकड़े तलवार हत्थे,छकाते करते दाँत खट्टे। शत्रु के झूठे दर्प कटे,भीषण रण से पीछे हटे। हाथों […]
गूँजे सिंहों की हुँकार
फिर शौर्ययुग से युद्धक्षेत्र की, हल्दीघाटी में मचे हाहाकार। पुनः कान्तार में अस्तित्व की,, गूँजे सिंहों की हुँकार।। पवित्र मन्दाकिनी के उद्गम हेतु,कब भगीरथ तप करेगा? भारतराष्ट्र के प्राण राम से,कब लंकेश का दर्प मरेगा? तीर चढ़ा गांडीव से कौरव का, फिर धूमिल करे अंहकार।1। पुनः कान्तार में अस्तित्व की,, गूँजे सिंहों की हुँकार।1। जैता-कूंपा […]