अपनी आत्मा को झिंजोड़ के देखना वो भी अश्क बहाने लगेगी मुझे सोच कर। अगर फिर भी तुमको सुनाई न दे तो समझ लेना तुम बहरे हो कानों से नहीं अपनी सोच से भी। मेरे बहते हुए अश्कों में महसूस करना, मेरी अंतरात्मा के दर्द को। अगर महसूस न हो तो समझ लेना तुम पत्थर […]
Author: राजीव डोगरा 'विमल'
बताओ ज़रा
एक बात बताओ किसी की अंतरात्मा को पीड़ित करके कितना सुकून मिल रहा है तुमको ? जरा सोच कर बताओ तुम्हें बात करना तो कभी आया नहीं, मगर किसी की अंतरात्मा को प्रताड़ित करना तुमने कहां से सीखा? शायद तुम अपने अहम में भूल चुके हो की जिस हर की हर रोज पूजा करते हो, […]
साहित्य संगम संस्थान नई दिल्ली द्वारा हुआ हिमाचल इकाई का भव्य उद्घाटन
साहित्य संगम संस्थान नई दिल्ली के तत्वावधान में संस्थान की हिमाचल प्रदेश इकाई का उद्घाटन समारोह 06 जनवरी 2021 बुधवार सुबह 11 बजे से शाम 7 बजे तक भव्य आनलाइन छंदोत्सव के रूप में सम्पन्न हुआ। कार्यक्रम अध्यक्ष आद. आचार्य प्रवर डॉ वागीश शर्मा मुंबई आप राष्ट्रीय-अन्तरराष्ट्रीय स्तर के ख्यातिप्राप्त वक्ता, कार्यक्रम के मुख्य अतिथि […]
महाकाल आदेश
महाकाल ने कहा, काल से परे चले जाओ न मृत्यु अघोष करती है तो करने दो न। जिसका भी वर्ण करती है तो करने दो न, तुम्हें क्या लेना किसी से तुम्हें क्या देना है किसी को। अपने इष्ट की वंदना यही तो कर्म है इस नश्वर जीवन का, जो नहीं करता है उसे रहने […]
कृष्ण अर्जुन
बन के अर्जुन तुम्हें अब लड़ना ही होगा, सौ खड़े हो अपने तेरे उठाकर ब्रह्मास्त्र सबका विनाश करना ही होगा। जो दिखते हैं न नकाब ओढे हुए अपने वो युगों से तेरा तिरस्कार करते आए हैं। उठकर तुम्हें अब उनकी व्यंग भरी हंसी का जवाब देना ही होगा। मत ढूंढना किसी में भगवान कृष्ण को […]
इंटरनेशनल ह्यूमन सोलिडेरिटी अवार्ड 2020 से सम्मानित हुए राजीव डोगरा ‘विमल’
कांगड़ा,हिमाचल प्रदेश। हिमाचल के युवा कवि लेखक राजीव डोगरा ‘विमल’ को राष्ट्रीय मासिक पत्रिका सच की दस्तक ने इंटरनेशनल ह्यूमन सोलिडेरिटी अवार्ड 2020 सम्मान देकर सम्मानित किया। राजीव को यह सम्मान उनको अपनी कविताओं और लेखों के माध्यम से समाज, देश, विश्व मानवता प्रेम, सद्भावना, सेवा, लोगों को संगठित करने और जागृत करने के लिए दिया […]
बाकी है
बाकी है अभी जीना क्योंकि बाकी है अभी तुमसे फिर से मिल मोहब्बत करके मर मिटना। बाकी है अभी तुमसे मिलकर मुस्कुराना क्योंकि बाकी है अभी तुम को अपना बना कर अपने सीने से लगाना। बाकी है अभी तुम से आंखों से आंखें मिलाना क्योंकि बाकी है अभी बहते अश्कों को छुपा कर किसी और […]
कविता
वो मुझसे नहीं मेरे बदले हुए किरदार से डरते हैं। तूफानों का एहसास उनको आज भी है, इसीलिए आने वाले सैलाबो से डरते हैं। उनको पता है बिगड़े हुए वक्त की तरह जब भी बिगड़ा है किरदार मेरा तो हर जुड़ा हुआ ख्वाब भी टूट कर बिखरा है किसी टूटी तार की तरह। वो बहते […]
कुछ तो हो
जीत नही तो हार ही सही, सुख नहीं तो दुख ही सही, अपने नहीं तो पराए ही सही, दोस्ती नहीं तो दुश्मनी ही सही, जीवन नहीं तो मृत्यु ही सही, आदि नहीं तो अंत ही सही, हमसफर नहीं तो हमराही ही सही, धरती नहीं तो आसमां ही सही जल नहीं तो अग्नि ही सही, नव […]
जब हार जाओ
जीवन में कभी थक जाओ हार जाओ, तो चुपचाप बैठ जाना । लोग बोलते हैं तो बोलते देना, लोग सोचते हैं तो सोचते देना, तुम खुद को बेकार मत समझना। तुम खुद को खराब मत समझना। जब जीवन की परिस्थितियां बदलती है तो बहुत से लोग नसमझ माने लगते है हमें। मगर तुम खुद को […]