कविता

सदाशिव

मैं कालों का काल हूँ

मैं ही तो महाकाल हूँ।

सत्य का पालनहार हूँ

असत्य का करता

सदा विनाश हूँ।

मैं देवों का देव हूँ

मैं ही तो महादेव हूँ।

अंधकार में करता प्रकाश हूँ

अंत का भी करता आरंभ हूँ

तभी तो मैं परमांनद हूँ।

मैं महाकाली का महाकाल हूँ

करता समय आने पर

काल भी विनाश हूँ

तभी तो सदाशिव महाकाल हूँ।

— डॉ.राजीव डोगरा

*डॉ. राजीव डोगरा

भाषा अध्यापक गवर्नमेंट हाई स्कूल, ठाकुरद्वारा कांगड़ा हिमाचल प्रदेश Email- Rajivdogra1@gmail.com M- 9876777233