लघुकथा – संस्कार
सरकारी मकान दो मंजिले बने हुये थे जिनमें दो परिवार नीचे ऊपर रहते थे| नीचे रोहित और उसकी पत्नी और
Read Moreसरकारी मकान दो मंजिले बने हुये थे जिनमें दो परिवार नीचे ऊपर रहते थे| नीचे रोहित और उसकी पत्नी और
Read More“मीत बेटा, आज मुझे बुखार है, सरदार जी के काम करने नहीं जा सकता। बेटा वो मजदूरी काट लेगा, तुम
Read Moreविकास की अंधी दौड़ में मानव -स्त्री रिश्ते बौखलाये से ,विकास की अंधी दौड़ में दम्पति अहसास रिश्ते सजोये से
Read Moreरीमा के घर के पास हर समय आवाजें आती थीं, “मर क्यों नहीं जाती कमली| कोई काम नहीं आता, न
Read Moreकुछ दिन के लिये पिताजी गांव से भाई के पास शहर में रहने आये| पिता ने सुबह उठते ही न्यूज
Read More