धर्म-संस्कृति-अध्यात्म

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गुरु विरजानन्द और ऋषि दयानन्द में विद्या का आदान-प्रदान

स्वामी दयानन्द ने अपने गुरु को विद्या का सूर्य कहा है। यह बात वही कह सकता है जो स्वयं विद्या

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ईश्वर कैसा है और मृत्यु पर विजय का उपाय क्या है?

ओ३म् इस संसार को और हमें बनाने वाला, जन्म देने वाला, पालन करने वाला व वृद्धावस्था आदि में मृत्यु को

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ऋषि दयानन्द ने मूर्तिपूजा का खण्डन क्यों किया?

ओ३म् हमारे सनातनी बन्धुओं में मूर्तिपूजा सबसे प्रमुख अनुष्ठान है। शायद उन्हें यह भी पता नहीं है कि भारत में

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धर्म-संस्कृति-अध्यात्मराजनीति

ऋषि दयानन्द की ईश्वर से स्वराज्य, साम्राज्य व चक्रवर्ती राज्य की प्राप्ति की प्रार्थना व चर्चा

ओ३म् ऋषि दयानन्द ने अपने साहित्य में अनेक स्थानों पर ‘साम्राज्य’ व ‘चक्रवर्ती–राज्य’ की ईश्वर से प्रार्थना व मांग की

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धर्म-संस्कृति-अध्यात्म

आत्म ज्ञान से हीन मनुष्य इन्द्रियों के विषयों में फंसा रहता है

ओ३म् बुद्धिपूर्वक अर्थात् ज्ञानपूर्वक कर्म करने वाले प्राणियों को मनुष्य कहते हैं। मनुष्य की पहचान उसके पास बुद्धि अर्थात् सत्य

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धर्म-संस्कृति-अध्यात्म

गौरक्षा हमारा धार्मिक अधिकार है

हमारे प्रधानमंत्री मोदी जी ने गौरक्षकों को लेकर टिप्पणी की है। मेरे विचार से मोदी जी को गौरक्षकों की आलोचना

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“आर्य विदेशी थे, आक्रमणकारी थे” यह भ्रान्ति क्यों फैली?

यह भ्रान्ति इसलिए फैली क्यूंकि विदेशी इतिहासकारों ने वेदों में इतिहास को माना। वर्तमान में वेदों में इतिहास के सम्बन्ध

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