मैं ब्रह्म को जानता हूं और उसे जानकर मनुष्य मृत्यु से पार जा सकता है: अजित कुमार शास्त्री
ओ३म् श्रीमद् दयानन्द आर्ष ज्योतिर्मठ गुरुकुल पौंधा, देहरादून के सतरहवें तीन दिवसीय वार्षिकोत्सव के प्रथम दिवस के अपरान्ह
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Read Moreओ३म् देहरादून के श्रीमद् दयानन्द आर्ष ज्योतिर्मठ गुरुकुल, पौंधा-देहरादून के तीन दिवसीय वार्षिकोत्सव के प्रथम दिन 3 जून, 2016 को
Read Moreदान की महिमा का जितना भी बखान किया जाए, कम है. अथर्ववेद में भी इसका गान हुआ है, ‘सौ हाथों
Read Moreओ३म् श्रीमद् दयानन्द ज्योतिर्मठ आर्ष गुरुकुल पौंधा, देहरादून का तीन दिवसीय वार्षिकोत्सव 3 जून 2016 को आरम्भ हुआ। इस
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Read Moreओ३म् -गुरुकुल पौंधा के वार्षिकोत्सव के समापन दिवस पर पं. धर्मपाल शास्त्री एवं स्वामी श्रद्धानन्द जी के मार्मिक प्रवचन- श्रीमद्दयानन्द
Read Moreओ३म् –श्रीमद् दयानन्द आर्ष ज्योतिर्मठ गुरुकुल के सतरहवें वार्षिकोत्सव का तीसरा समापन दिवस- गुरुकुल पौंधा देहरादून के सतरहवें वार्षिकोत्सव
Read Moreकुछ घटनाएँ लगता है, अचानक घट गयी। ऐसा होता नहीं है, आग धीरे धीरे ही सुलगती है। आग के लिए
Read Moreओ३म् पं. सत्यपाल पथिक, प्रसिद्ध आर्य गीतकार एवं भजनोपदेशक ने गुरुकुल पौंधा देहरादून के तीन दिवसीय वार्षिकोत्सव के अवसर पर
Read Moreओ३म् हिसार के टोहाना कस्बे में सन् 1908 में आर्यसमाज और पौराणिकों के बीच एक शास्त्रार्थ हुआ था। इसका विवरण
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