कविता

पहला खत

 

प्यार का है
यह पहला खत
तुम मुझे लिखने से
मना करना मत

अनुराग का
यह सिलसिला
जारी रहे अनवरत
सिर्फ तुम्हारे रुप का
मैं नहीं हूँ पुजारी
मेरी इस बात से
तुम भी हो सहमत

मूँदता हूँ जब नयन
भोर की नूर सी
तुम्हीं आती हो नज़र
सांसों में बसी हुई हैं
तुम्हारी रूह की महक

स्निग्ध चांदनी सी
बरस पड़ी हो मुझपर
प्रणय हुआ हैं हमे
एक दूजे से शाश्वत
प्यार का हैं
यह पहला खत
तुम मुझे लिखने से
मना करना मत

किशोर

किशोर कुमार खोरेंद्र

परिचय - किशोर कुमार खोरेन्द्र जन्म तारीख -०७-१०-१९५४ शिक्षा - बी ए व्यवसाय - भारतीय स्टेट बैंक से सेवा निवृत एक अधिकारी रूचि- भ्रमण करना ,दोस्त बनाना , काव्य लेखन उपलब्धियाँ - बालार्क नामक कविता संग्रह का सह संपादन और विभिन्न काव्य संकलन की पुस्तकों में कविताओं को शामिल किया गया है add - t-58 sect- 01 extn awanti vihar RAIPUR ,C.G.

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