कविता

कुछ हाइकु

प्रेम विश्वास
सुखद अहसास
जगाए आस

टूटे विश्वास
टूट जाये इंसान
जुड़ न पाए

अंधा गुरुर
देख न सके प्रेम
जलाए जिया

कटु वचन
लहुलुहान रिश्ते
जर्जर मन

कटु वचन
न भरने दे घाव
अनंत काल

………..प्रवीन मलिक

प्रवीन मलिक

मैं कोई व्यवसायिक लेखिका नहीं हूँ .. बस लिखना अच्छा लगता है ! इसीलिए जो भी दिल में विचार आता है बस लिख लेती हूँ .....

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