कविता

हमारी बेटियाँ

 
हमारी बेटियाँ
घर को सहेजतीसमेटती
एकएक चीज का हिसाब रखतीं
मम्मी की दवा तो
पापा का आफिस
भैया का स्कूल
और जाने क्याक्या।
इन सबके बीच तलाशती
हैं अपना भी वजूद
बिखेरती हैं अपनी खुशबू
चहरदीवारियों से पार भी
पराये घर जाकर
बना लेती हैं उसे भी अपना
बिखेरती है खुशियाँ
किलकारियों की गूँज की
हमारी  बेटियाँ
सिर्फ बेटियाँ  नहीं होतीं
वो घर की लक्ष्मी
और आँगन की तुलसी हैं
मायके में आँचल का फूल
तो ससुराल में वटवृक्ष होती हैं
हमारी बेटियाँ

आकांक्षा यादव

आकांक्षा यादव (अँग्रेजी: Akanksha Yadav) एक भारतीय महिला साहित्यकार और ब्लॉगर हैं। वे नारी विमर्श, बाल विमर्श और सामाजिक मुद्दों से सम्बंधित विषयों पर प्रमुखता से लेखन करती हैं। उन्होने वर्ष 2008 में ब्लाॅग जगत में कदम रखा और विभिन्न विषयों पर आधारित दसियों ब्लाॅग का संचालन-सम्पादन करके कई लोगों को ब्लाॅगिंग की तरफ प्रवृत्त किया और अपनी साहित्यिक रचनाधर्मिता के साथ-साथ ब्लाॅगिंग को भी नये आयाम दिये। नारी विमर्श, बाल विमर्श एवं सामाजिक सरोकारों सम्बन्धी विमर्श में विशेष रुचि रखने वाली आकांक्षा यादव अग्रणी महिला ब्लॉगर हैं और इनकी रचनाओं में नारी-सशक्तीकरण बखूबी झलकता है।। देश-विदेश की शताधिक प्रतिष्ठित पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशन के साथ अपनी दो पुस्तकें प्रकाशित। दर्जनाधिक प्रतिष्ठित पुस्तकों /संकलनों में रचनाएँ प्रकाशित। आकाशवाणी से वार्ता, रचनाओं इत्यादि का प्रसारण। व्यक्तित्व-कृतित्व पर डा. राष्ट्रबंधु द्वारा सम्पादित ‘बाल साहित्य समीक्षा’(कानपुर) का विशेषांक जारी। 20 नवम्बर 2008 से हिंदी-ब्लागिंग में 'शब्द-शिखर' के माध्यम से सक्रिय। विकीपीडिया पर भी तमाम रचनाओं के लिंक्स उपलब्ध। ब्लॉगिंग के लिए उ.प्र. के मुख्यमंत्री द्वारा जी न्यूज का ’अवध सम्मान’, परिकल्पना समूह द्वारा ’दशक के श्रेष्ठ हिन्दी ब्लागर दम्पति’ सम्मान, 'ब्लॉग भूषण' सम्मान, 'परिकल्पना सार्क शिखर' सम्मान एवं डॉयचे वेले की बॉब्स - बेस्ट ऑफ एक्टिविज्म प्रतियोगिता में हिंदी के सबसे लोकप्रिय ब्लॉग श्रेणी में सम्मानित। विक्रमशिला हिन्दी विद्यापीठ, भागलपुर, बिहार द्वारा डाक्टरेट (विद्यावाचस्पति) की मानद उपाधि, भारतीय दलित साहित्य अकादमी द्वारा ‘डा. अम्बेडकर फेलोशिप राष्ट्रीय सम्मान‘ व ‘वीरांगना सावित्रीबाई फुले फेलोशिप सम्मान‘, राष्ट्रीय राजभाषा पीठ इलाहाबाद द्वारा ’भारती ज्योति’, साहित्य मंडल, श्रीनाथद्वारा, राजस्थान द्वारा 'हिंदी भाषा भूषण', ‘एस.एम.एस.‘ कविता पर प्रभात प्रकाशन, नई दिल्ली द्वारा पुरस्कार सहित विभिन्न प्रतिष्ठित सामाजिक-साहित्यिक संस्थाओं द्वारा विशिष्ट कृतित्व, रचनाधर्मिता और सतत् साहित्य सृजनशीलता हेतु दर्जनाधिक सम्मान और मानद उपाधियाँ प्राप्त। एक रचनाधर्मी के रूप में रचनाओं को जीवंतता के साथ सामाजिक संस्कार देने का प्रयास। बिना लाग-लपेट के सुलभ भाव-भंगिमा सहित जीवन के कठोर सत्य उभरें, यही आकांक्षा यादव की लेखनी की शक्ति है !!