गीत : मन बावरा रे…
मन बावरा मेरा बावरा मन बावरा रे ।
मन माने ना माने ना मेरा बावरा रे ।।
मन की बातें मन ही जाने ,
बात किसी की एक न माने ,
प्रीत जोड़ के मनमोहन से ,
ऊँच नीच कुछ ना पहचाने ,
मन का नहीं जाने दर्द मेरा साँवरा रे ।
मन माने ना ……..(1)
आवन की कह गये न आये ,
निर्मोही की याद सताये ,
बाट निहारत अँखियाँ हारीं ,
पल भर को भी चैन न पाये ,
चुरा के निंदिया लेगये ढाई आँखरा रे ।
मन माने ना ……(2)
अंतिम अंतरा …..
कुंज गलिन में खोजत हारी ,
भूल गई मैं सुध बुध सारी ,
ढूँढूँ छिपा कहाँ साँवरिया ,
गोपिन संग मिला बनवारी ,
नाचे मोहे मन को प्यारा नट नागरा रे ।
मन माने ना…….(3)
–लता यादव
सुन्दर विचार.