राजनीति

नेपाल : प्राकृतिक आपदाओं के बाद के विपरीत प्रभाव

विगत 25 अप्रैल को नेपाल में आई विनाशलीला का कहर व उससे उत्पन्न हुआ दहशत का वातावरण राहत कार्यों के कारण कुछ कम होता दिखलाई पड़ने लगा है। नेपाल में भूकम्प के तेज झटकों के बाद जो विनाशलीला हुई वह बेहद असहनीय व मानवता के लिए दुखद थी। इस प्राकृतिक विनाशलीला के बाद भारत व भारतीय सेना सहित पूरे विश्व की ओर से सहायता पहुॅचने लगी। नेपाल में भारत की ओर से जो राहत अभियान चलाया गया उसका पूरे विश्व में स्वागत किया गया। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तेजी की सराहना की गयी। अगर भारत की सेना तत्काल वहां न पहॅुचती तो नेपाल में भारत विरोधी तत्व पूरी तरह से सक्रिय हो जाते। लेकिन भारतीय सेना की उपस्थिति के बावजूद उन तत्वों ने भारत विरोधी भावनाएं भड़काने में कोई कोर कसर बाकी नहीं रखी है।

राहत व बचाव अभियान तथा नेपाल के पुनर्निर्माण का कार्य तो अभी काफी लम्बे समय तक चलेगा लेकिन इस विभीषिका के बाद कई समाज विरोधी व देशविरोधी तत्व सक्रिय हो गये हैं। ज्ञातव्य है कि नेपाल में भूकम्प के कारण एक जेल क्षतिग्रस्त होने का लाभ उठाकर कई खूंखार आतंकवादी व अपराधी प्रवृत्ति के लोग भागने में सफल रहे थे। जिसमें से कुछ लोगों ने उत्तर प्रदेश के नेपाल सीमा के निकट महाराजगंज, सिद्धार्थनगर, श्रावस्ती, बलरामपुर, बहराइच, खीरी और पीलीभीत जिलों में पनाह ले रखी है। खुफिया एजेंसियों को आशंका है कि इसमें कई कुख्यात आतंकवादी भी हो सकते हैं। दिल्ली पुलिस की विशेष शाखा ने बहराइच जिले से खूंखार आतंकी इरफान को गिरफ्तार करके इस संदेह को और बल प्रदान किया है। काफी समय से उप्र के अपराधियों और आतंकियों के लिए नेपाल आसान सैरगाह बना हुआ था। शासन ने नेपाल सीमा पर हर संदिग्ध पर कड़ी नजर रखने और सतर्कता बढ़ाने के निर्देश दिये हैं। खुफिया तंत्र को अंदेशा है कि अभी कई आतंकी उप्र की सीमा में घुसपैठ कर गये हैं। इरफान की गिरफ्तारी के बाद आईबी और एटीएस की टीमों ने नेपाल के सीमाई इलाकों में छानबीन और तेज कर दी है।

नेपाल में आयी त्रासदी का सर्वाधिक लाभ धर्मांतरण कराने का खेल करने वाली शक्तियां उठाने में लग गयी हैं। वहीं दूसरी ओर मूर्ति तस्कर तथा बच्चों व युवतियों की तस्करी करने वाले गिरोह भी बड़े पैमाने पर सक्रिय हो गये हैं। इस बात का प्रमाण सशस्त्र सीमा बल व लैंड कस्टम कार्यालय की संयुक्त टीम ने पकड़ा है। संयुक्त टीम ने नेपाल के एक मंदिर से अष्टधातु की एक प्राचीन मूर्ति को चोरी करके भारत लाया जा रहा था। टीम ने जिस मूर्ति चोर को पकड़ा है उसका नाम अनिल कुमार जायसवाल बताया जा रहा है तथा वह गोरखपुर निवासी है। बरामद मूर्ति की अनुमानित कीमत 13 करोड़ रूपये बतायी जा रही है। इस गिरफ्तारी के बाद प्रशासन चैकन्ना हो गया है की कहीं नेपाल में एक बार फिर भूकम्प का सहारा लेकर मूर्तिचोर तो सक्रिय नहीं हो गये हैं।

नेपाल में इन दिनों मची तबाही का लाभ उठाकर मानव तस्करी की घटनाएं भी बढ़ गयी हैं। एसएसबी के अधिकारियों को इसकी भी गोपनीय सूचनाएं मिल रही हैं। बताया गया है कि इन दिनों नेपाल में सक्रिय मानव तस्कर बच्चों व किशोरियों को अगव करके उन्हें खाड़ी देशोें में बेचने का काम कर रहे है। एसएसबी के जवान ऐसे तस्करों को पकड़ने के लिए भी कमर कस रहे हैं। नेपाल वैसे भी मानव तस्करी के लिए कुख्यात रहा है। वहां पर गरीबी का लाभ उठाकर कम उम्र की युवतियों को खरीदकर वेश्यावृत्ति के धंधे में आसानी से पहले भी धकेला जाता रहा है।

आज नेपाल का दुःख वास्तव में बहुत गहरा गया है। जहां पर कभी भगवान बुद्ध ने शांति, प्रेम, भाईचारे का अनुपम संदेश दिया था, वही नेपाल आज राजनैतिक अस्थिरता, माओवादी हिंसा का तांडव तो झेल रहा है। इसके साथ ही अब नेपाल में राजनैतिक अस्थिरता का लाभ उठाकर अपराधी प्रवृत्ति के बेहद खतरनाक लोगों की आसान सैरगाह बनता जा रहा है। नेपाल प्राकृतिक और मानवजनित समस्याओं से दो चार हो रहा है। अगर आज नेपाल को किसी की सहायता की अधिक जरूरत है तो वह भारत ही है और भारत ही नेपाल के पुनर्निर्माण में पूरी तरह से सहायता कर भी सकता है। यही कारण है कि नेपाल में भारत की सक्रियता से जहां चीन अत्यधिक चिढ़ा हुआ है वहीं वहां के हिंदू व नेपाली समुदाय का मतांतरण कराने वाली ताकतें भी सक्रिय हो गयी हैं।

आज नेपाल की सांस्कृतिक विरासत को बचाने की महती आवश्यकता है। सबसे दुखद बात यह है कि नेपाल में जो सामाजिक संगठन व सांस्कृतिक संगठन राहत कार्यों में लगे हैं उनकी सराहना तो कम की जा रही है अपितु उसमें भी कुछ लोग अपनी राजनैतिक रोटियां सेंकने से बाज नहीं आ रहे हैं। आखिर हम पूर्ण मानवता की ओर कब अग्रसर होंगे। नेपाल एक भयावह त्रासदी के दौर से गुजर रहा है। ईश्वर उनकी रक्षा करें।
मृत्युंजय दीक्षित

One thought on “नेपाल : प्राकृतिक आपदाओं के बाद के विपरीत प्रभाव

  • विजय कुमार सिंघल

    आपका लेख अच्छा है.
    प्राकृतिक आपदाओं का दुरूपयोग बहुत से लोग अपने स्वार्थों के लिए किया करते हैं. नेपाल भूकंप भी इसका अपवाद नहीं है.

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