तेरा ख्याल मुझे…
तेरा ख्याल मुझे , तराश रहा है
मेरे ह्रदय में , तेरा निवास रहा है
परछाई बिना नहीं रह सकता जल
तेरा साया सदा मेरे आसपास रहा है
बून्द में सागर का ख़्वाब तो होगा ही
तेरा , मुझे वैसा ही , अहसास रहा है
मालूम नहीं कितने बार जन्मा हूँ मैं
तबसे मेरा वजूद , तुझे तलाश रहा है
दर्दे तन्हाई का कारवां साथ है मेरे
तुझपे , मुझे अटूट विशवास रहा है
किशोर कुमार खोरेन्द्र
अच्छी ग़ज़ल !
बहुत खूब .