कविता

राखी स्पेशल …

हर आहट

बहना चौंक जाए

भैया न आए

 

राखी में पिरो

ढ़ेर शुभकामना

भेजी विदेश

 

बहना दूर

बाट देखें अखियाँ

भाई उदास

 

नयन कोर

सज रहे हैं  मोती

कलाई सूनी

 

दुआएँ मेरी

लिपटी हैं धागे में

रक्षा कवच

प्रवीन मलिक ^_^

प्रवीन मलिक

मैं कोई व्यवसायिक लेखिका नहीं हूँ .. बस लिखना अच्छा लगता है ! इसीलिए जो भी दिल में विचार आता है बस लिख लेती हूँ .....

2 thoughts on “राखी स्पेशल …

  • विजय कुमार सिंघल

    अच्छे हाइकु

  • विभा रानी श्रीवास्तव

    सब सुंदर बिट्टू

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