आप सभी को सपरिवार दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएँ…!!”
टिमटिमा दीपक गए, फैला दिया उजास।
दीवाली ले आ गई, आशा और उल्लास।।
जगमग किसने है किये, नभ के दीप हज़ार।
बिन बाती बिन तेल के, जलते हर इक बार।।
नैनों से नयना मिले, जले हज़ारों दीप।
सिंधु मन तूफ़ान उठा, भाव छुपे थे सीप।
दीप सज़ा रोशन किया, घर का हर इक द्वार।
छल-कपट को त्याग दे, हो रोशन त्यौहार।।
चकरी ने चकरा दिया, फुलझड़ी मुँह चिड़ाय।
दीवाली कैसे मने, महंगाई रुलाय।।
gunjan agrawal