लघुकथा

सर्वश्रेष्ठ धर्म

चार अलग-अलग धर्मों के लोग अपने अपने धर्म गुरुओं से शिक्षा लेकर कई वर्षों पश्चात् पुनः एक स्थान पर आकर मिले|

चारों उत्सुक थे कि बाकियों ने क्या सीखा? जब बात की तो चारों के पास एक ही उत्तर था, “मेरा धर्म सर्वश्रेष्ठ है क्योंकि मेरी प्रार्थना की विधि उत्तम है और अच्छे कार्य करो…”

चारों आश्चर्यचकित हो उस पंक्ति के गूढ़ में गए और आखिरकार एक नयी पंक्ति बना ली जो सर्वमान्य थी, “अच्छे कार्य करो, यही सर्वश्रेष्ठ प्रार्थना है” उन्होंने इस धर्म-निरपेक्ष पंक्ति को सभी तरफ फ़ैलाने के लिये प्रयास आरम्भ किये|

कुछ ही वर्षों में उनका एक नया धर्म बन गया और एक नये प्रकार का धार्मिक स्थल भी|

— चंद्रेश कुमार छतलानी

डॉ. चंद्रेश कुमार छतलानी

नाम: डॉ. चंद्रेश कुमार छतलानी शिक्षा: विद्या वाचस्पति (Ph.D.) सम्प्रति: सहायक आचार्य (कम्प्यूटर विज्ञान) साहित्यिक लेखन विधा: लघुकथा, कविता, बाल कथा, कहानी सर्वाधिक अकादमिक प्रमाणपत्र प्राप्त करने हेतु रिकॉर्ड अंग्रेज़ी लघुकथाओं की पुस्तक रिकॉर्ड हेतु चयनित 12 पुस्तकें प्रकाशित, 8 संपादित पुस्तकें 32+ शोध पत्र प्रकाशित 40+ राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय सम्मान प्राप्त फ़ोन: 9928544749 ईमेल: chandresh.chhatlani@gmail.com डाक का पता: 3 प 46, प्रभात नगर, सेक्टर-5, हिरण मगरी, उदयपुर (राजस्थान) – 313 002 यू आर एल: https://sites.google.com/view/chandresh-c/about ब्लॉग: http://laghukathaduniya.blogspot.in/

One thought on “सर्वश्रेष्ठ धर्म

  • लघु कथा अच्छी लगी ,दुनीआं में कुछ लोग जब धर्मों में आई बुरी बातों को देखते हैं तो अपने अपने ढंग से सुधार लाने की कोशिश करते हैं .उन की सोच सही होती है लेकिन कुछ देर बाद यह एक नया धर्म बन जाता है और सही सोच कर्म काण्ड में दब कर रह जाती है .

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