कवितापद्य साहित्य

प्रेरणा

प्रेरणा
प्रेरणा मनुष्य के ,
विवेक का सृंगार है
हो धैर्य यदि साथ तो
मार्ग अति सुलभ हो
अगर गलती होती है तो
राह भि दिखाती है
हर गलती से जीवन मे
नई प्रेरणा सी जागती है
जीवन जगत विकास मे
बस प्रेरणा प्रयार्य है
प्रेरणा मनुष्य के
विवेक का शृंगार है
@विजया लक्ष्मी

बिजया लक्ष्मी

बिजया लक्ष्मी (स्नातकोत्तर छात्रा) पता -चेनारी रोहतास सासाराम बिहार।

One thought on “प्रेरणा

  • प्रेरणा मनुष्य के
    विवेक का शृंगार है बहुत खूब .

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