मुक्तक/दोहा

कुछ मुक्तक

1-
जब से प्रभू तेरा नाम हो गया
संपूर्ण सफल हर काम हो गया
जब से बैठा हूँ हरि चरणों मे
सब दुःखों का विराम हो गया
2-
हमने सपनो को पाला है
सपनो ने हमको पाला है
सपने में रहते हैं हरदम
ये कैसा गडबडझाला है
3-
तेरा इकरार करना भी
तेरा इनकार करना भी
मुझे मदहोश करता है
तेरा तकरार करना भी
4-
वो हमे देखकर मुस्कुराते रहे
हम उन्हे देखकर गुनगुनाते रहे
नहीं बात इससे बढी और आगे
हम जताते रहे वो छिपाते रहे
5-
इश्क में गुजरे हैं हम हर मुकाम से
जिंदगी गुजरी है छलकते जाम से
उसकी मुस्कान से मिली वो रौशनी
बेपरवाह हो जाता हूँ हर अंजाम से
6-
प्यास दिल की बुझाने चले आओ तुम
दर्द-ए-दिल को मिटाने चले आओ तुम
शमा तुम हो पतंगे की मानिन्द मैं
अब जलाने सही बस चले आओ तुम
7-
आयेगा जो बादल तो ये गरजेगा ही जरूर
दिल तेरी यादों में फिर तडपेगा ही जरूर
करेंगी कुछ साजिशें ये हवायें भी ‘संयम’
होगी चमक दिल में तो बरसेगा ही जरूर

कवि संयम

नाम - रवी पांडेय 'संयम' साहित्यिक नाम - कवि संयम पिता - श्री गंणेश शंकर पांडेय माता - श्रीमती सोना पांडेय जन्म तिथि - 5-7-1988 शिक्षा - एमए (राजनीतिशास्त्र ) , बीएड पता - जिला-बस्ती, उत्तरप्रदेश संपर्कसूत्र – 09984035709 उपलब्धि - लेखन क्षेत्र में नवोदित (फेसबुक मंच जैसे - कविता लोक ,युवा उत्कर्ष मंच , अधुरा मुक्तक मंचो से सम्मानित) रूचि - कलम साधना एवं समाज सेवा