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हम सदाबहार हैं-2

1.सूरज की दमक,
चंदा की चमक,
फूलों की महक,
चिड़ियों की चहक,
आपकी दोस्ती की,
लहक से ही है.

2.दोस्ती के इज़हार के लिए, न कोई एक दिन ख़ास होता है,
दोस्ती तो मात्र, हर पल एक मधुर अहसास होता है,
इसमें न कल, न आज होता है, बस वर्तमान का महत्त्व है,
दोस्ती निभाओ तो, पूरा जीवन ही मधुर-सा आभास होता है.

3.दोस्त पंछियों के समान होते हैं,
ज़ोर से पकड़ो तो मर सकते हैं,
धीरे से पकड़ो तो उड़ सकते हैं,
लेकिन प्यार से पकड़ कर रखो,
तो ज़िंदगी भर साथ में रहते हैं.

4.दोस्त दोस्तों की जान होता है ,
यारों की महफ़िल की शान होता है,
क्या बताएं सच्चे दोस्त की पहचान दोस्तो,
दोस्त वही जो दोस्त पे कुर्बान होता है.

5.उड़ते हुए बादल आपका संदेश लेकर आए,
हौले से बोल गए, कि हम शुभकामनाएं हैं साथ लाए,
एक दोस्त ने दोस्ती के नाम पर भेजा है पैग़ाम,
आपका दिन हो सुनहरी, रुपहली रात को भी न्योता दे आए.

6.ग़लत राह कभी मुड़ने न दे दोस्त को,
नसीहत दे के उसे सही राह चलाता है,
हाथ थाम के रखे तूफ़ान आंधियों में,
ग़म में डूबने न दे किनारे पे पहुंचाता है.

7.ग़म की घड़ी में दोस्त अगर लड़खड़ा जाये,
सहारा दे के कंधों का गिरने से बचाता है,
अंधेरे रस्ते में ,मंज़िल अगर दिखाई न दे,
बन के चिराग़ राह में मंज़िल तक पहुंचाता है.

8.नब्ज़ मेरी देखी और बीमार लिख दिया,
रोग मेरा उसने ‘दोस्तों का प्यार’ लिख दिया,
कर्ज़दार रहेंगे उम्र भर हम उस हकीम के,
जिसने दवा में ‘दोस्तों का साथ’ लिख दिया.

9.सफलता में दोस्त की जो झूम कर गाए,
सफलता के पीछे भी उसी का हाथ होता है,
सदा दोस्त को बुलंदियों पे देखना चाहे,
कामयाबी में उसकी परचम लहराता है.

10.ज़िंदगी के तूफानों का साहिल है तेरी दोस्ती,
दिल के अरमानों की मंज़िल है तेरी दोस्ती,
ज़िंदगी भी बन जाएगी अपनी तो जन्नत,
अगर मौत आने तक साथ दे तेरी दोस्ती.

11.ज़िंदगी के इम्तिहान में अगर कमज़ोर पड़ जाए,
दे के हौसला उसका मनोबल बढ़ाता है दोस्त,
मौत को भी रोकने को जो बढ़े दोस्त की तरफ,
दुश्मन की गोली को अपने सीने पे खाता है दोस्त.

*लीला तिवानी

लेखक/रचनाकार: लीला तिवानी। शिक्षा हिंदी में एम.ए., एम.एड.। कई वर्षों से हिंदी अध्यापन के पश्चात रिटायर्ड। दिल्ली राज्य स्तर पर तथा राष्ट्रीय स्तर पर दो शोधपत्र पुरस्कृत। हिंदी-सिंधी भाषा में पुस्तकें प्रकाशित। अनेक पत्र-पत्रिकाओं में नियमित रूप से रचनाएं प्रकाशित होती रहती हैं। लीला तिवानी 57, बैंक अपार्टमेंट्स, प्लॉट नं. 22, सैक्टर- 4 द्वारका, नई दिल्ली पिन कोड- 110078 मोबाइल- +91 98681 25244

4 thoughts on “हम सदाबहार हैं-2

  • राज किशोर मिश्र 'राज'

    सुंदर सृजन
    बहन जी

  • विजय कुमार सिंघल

    अच्छी रचनायें, बहिन जी !

  • लीला तिवानी

    प्रिय गुरमैल भाई जी, सार्थक प्रतिक्रिया के लिए शुक्रिया.

  • गुरमेल सिंह भमरा लंदन

    लीला बहन, दोस्ती पर लिखे यह अनमोल बचन मोतिओं की माला जैसे हैं ,कई रंगों में दोस्ती की अह्मिअत को एक सूत्र में पिरो कर एक माला बना दी है ,इस माला का जाप जो सचे दिल से करेगा ,वोह सुख पायेगा .

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