कविता

खेमटा

बताव पिया कइसन राग मल्हार
सुनाव पिया काइसन राग मल्हार॥
बिन बदरा सूनी बरशे बदरियाँ
काली घटा घिरी आय संवरिया
जब गाए ध्वनि स्वर सुर सितार…..बताव पिया कइसन राग मल्हार
पूरब गइली पश्चिम न देखली
तोहरी सुरतिया हिया लगवली
काहें नाही उड़ल अचरा हमार……बताव पिया कइसन राग मल्हार
कोख हरी लय लौटी है सखियाँ
हंसी के बोले सुना आप बतिया
अब कब बरसी अंगना हमार……. बताव पिया कइसन राग मल्हार

— महातम मिश्र

*महातम मिश्र

शीर्षक- महातम मिश्रा के मन की आवाज जन्म तारीख- नौ दिसंबर उन्नीस सौ अट्ठावन जन्म भूमी- ग्राम- भरसी, गोरखपुर, उ.प्र. हाल- अहमदाबाद में भारत सरकार में सेवारत हूँ

2 thoughts on “खेमटा

  • विभा रानी श्रीवास्तव

    बहुत बढ़िया

    • महातम मिश्र

      सादर धन्यवाद आदरणीया, हार्दिक आभार

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