लघुकथा

लघुकथा : नई सड़क

उस नई कॉलोनी में सीमेंटेड  सड़क बन गई  थी। बहुत दिनों बाद मांग पूरी होने से लोग बेहद खुश थे। बच्चों और युवाओं को हिदायत दी गई थी कि जब तक सड़क सूख न जाए, तब तक वे उस पर साइकिल , बाइक , कार वगैरह न चलाएं। लेकिन शाम को कई बाहरी बाइकर्स बेहतरीन सड़क देखकर उस पर फर्राटे भरने लगे। इससे सड़क ख़राब होने लगी।

” ऐ बच्चो , यह क्या कर रहे हो ? तुम लोगों ने तो सड़क का सत्यानाश कर दिया। भागो यहां से ?” कॉलोनी के नागरिक गोपाल जी ने आवारा युवकों को फटकार लगाई ।

”क्यों भागें ? सड़क तुम्हारे बाप की है ?”

” रुको तो बताता हूं कि किसके बाप की सड़क है।”

शोरगुल सुनकर कॉलोनी के कई लोग बाहर निकल आए। उनमें से बुजुर्ग गंगाधर जी बोले, ”गोपाल बेटा ! यह युवा – शक्ति है ही ऐसे विध्वंसकारी कार्य के लिए। रौंदो बच्चो, रौंदो । दिखा दो जवानी का जलवा। ”

नीता सैनी, दिल्ली

नीता सैनी

जन्म -- 22 oct 1970 शिक्षा -- स्नातक लेखन -- कविता , लघुकथा प्रकाशन -- पत्र -पत्रिकाओं में रचनाएँ प्रकाशित संपर्क -- घर का पता 117 , मस्जिद मोठ , नई दिल्ली - 110049 पत्र व्यवहार के लिए ऑफिस का पता -- नीता सैनी - न्यू जगदम्बा टेंट हाउस L - 505 / 4 -- शनि बाजार संगम विहार , नई दिल्ली - 80