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मनमोहन के नाम पत्र

श्रद्धेय मनमोहन जी,
सादर प्रणाम,
आपके माध्यम से सभी को होली की बधाइयां एवं शुभकामनाएं,
कल आपको यह पत्र लिखना शुरु किया था, पर आपकी कृपा से बच्चे आ गए, होली का हुड़दंग शुरु हो गया, मिठाइयां बनीं, यह सब आप जानते ही हैं. आपसे भी तनिक होली खेल लें-
”आइए मनमोहन प्यारे
यशोदा के नंदन नंद-दुलारे
होली खेलो संग हमारे
आइए मनमोहन प्यारे————

 

आज सारा दिन राग खमाज के त्रिताल में इसी धुन में निमग्न रहे. आपकी कृपा की क्या बात करें! पल-पल आपकी कृपा बरस रही है. आप तो जानते ही हैं, कि योग-गीत लिखने की प्रतियोगिता चल रही है. पांच लाख का पुरस्कार भी है. हमने समाचार पढ़कर तुरंत एक ब्लॉग ”दस्तक” लिखा और सभी पाठकों को इसे लिखने के लिए प्रेरित किया. बहुत-से पाठकों की प्रतिक्रियाएं भी आई थीं, कि हम भी कोशिश करेंगे. आपने ऐसी कृपा बरसाई, कि मुरझाए हुए फूलों से प्रेरणा पाकर अति मनोहर योग-गीत बन गया और विदेश में रहते हुए, बिना किसी आज़ की सहायता के लिए रिकॉर्ड भी हो गया. चार महीने से कोई गीत-भजन गाया नहीं था, फिर भी आपने रिकॉर्डिंग में अपनी बंसी की मधुरता आप्लावित कर दी. मैं खुद सुनकर हैरान हो गई थी. मुझे न इसके का पता लगा, न राग-ताल का, बस काम हो गया.

 

आपको हमारी छोटी-से-छोटी बात का भी कितना ख्याल रहता है! आप तो पता ही है, कि इस बार मैं भारत से हेयर-पिन्स लाना भूल गई हूं. जब मुझे ज़रूरत पड़ी, मैंने बहू-बेटी से नहीं पूछा. उनको मैंने हेयर पिन लगाते हुए कभी नहीं देखा, अगर पूछती हूं, तो उनको पता नहीं मिलेंगी कि नहीं, पर आपने तुरंत मेरे सामने लाकर रख दीं. क्या रहमत है आपकी!

 

बातें तो बहुत-सी है, बस एक बात और कहना चाहूंगी. मुझे यहां पर सत्संग सुनने और चर्चा करने की इच्छा हो रही थी, आपने मनमोहन भाई से मुलाकात करवा दे, आब तो आनंद-ही-आनंद है. आप हर समय आप हमारे साथ हैं.

 

राधारानी और सभी गोप-गोपियों को भी हमारी तरफ से हैप्पी होली कहिएगा. आपकी दीवानी,
लीला तिवानी

*लीला तिवानी

लेखक/रचनाकार: लीला तिवानी। शिक्षा हिंदी में एम.ए., एम.एड.। कई वर्षों से हिंदी अध्यापन के पश्चात रिटायर्ड। दिल्ली राज्य स्तर पर तथा राष्ट्रीय स्तर पर दो शोधपत्र पुरस्कृत। हिंदी-सिंधी भाषा में पुस्तकें प्रकाशित। अनेक पत्र-पत्रिकाओं में नियमित रूप से रचनाएं प्रकाशित होती रहती हैं। लीला तिवानी 57, बैंक अपार्टमेंट्स, प्लॉट नं. 22, सैक्टर- 4 द्वारका, नई दिल्ली पिन कोड- 110078 मोबाइल- +91 98681 25244

9 thoughts on “मनमोहन के नाम पत्र

  • राज किशोर मिश्र 'राज'

    वाहह वाहहलाजवाब सृजन के लिए बधाई बहन जी होली के पावन पर्व की अशेष शुभकामनाएँ —

    • लीला तिवानी

      प्रिय राजकुमार भाई जी, आपकी प्रतिक्रिया भी लाजवाब है. आभार.

    • लीला तिवानी

      प्रिय राजकिशोर भाई जी, आपकी प्रतिक्रिया भी लाजवाब है. आपको भी होली के पावन पर्व की अशेष शुभकामनाएँ .

  • Man Mohan Kumar Arya

    नमस्ते एवं हार्दिक धन्यवाद आदरणीय बहिन जी। आपकी यह रचना गम्भीर आध्यात्मिक भावों से सुगुथित है। जो मनुष्य ईश्वर को समर्पण कर देते हैं वह हर छेत्र में सफल होते हैं। बच्चा जब मात पिता वा आचार्य को समर्पण कर देता है तो उसका वास्तविक कल्याण होता है। यह सभी के साथ होता है। अतः ईश्वरार्पण जीवन ही सफल जीवन है। हाँ जीवन में सत्य ज्ञान एवं पुरुषार्थ होना आवश्यक है। सादर।

    • लीला तिवानी

      प्रिय मनमोहन भाई जी, हमारा तो हर पल का मंत्र (सहारा) है-

      ”हरि ओम तेरा आसरा,

      हरि ओम तेरी ओट”

      बस इसी सहारे चले जा रहे हैं.

  • विजय कुमार सिंघल

    बहुत ख़ूब, बहिन जी ! हार्दिक बधाई !!

    • लीला तिवानी

      प्रिय विजय भाई जी, सार्थक प्रतिक्रिया के लिए आभार.

  • गुरमेल सिंह भमरा लंदन

    लीला बहन , आप का मनमोहन भाई को लिखा ख़त बहुमूल्य है .बहुत अच्छा लगा .

    • लीला तिवानी

      प्रिय गुरमैल भाई जी, आपकी सार्थक प्रतिक्रिया भी बहुमूल्य है. आपको सपरिवार होली की अनेकानेक बधाइयां व शुभकामनाएं.

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