कविता

सफर

हम ना भूलेन्गे तुम्हें कभी।
हम यादों के सफर में हैं ।
हमसे टूटेन्गे जो ना कभी।
ऐसे वादों के सफर में हैं ।

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लगती कल की बात अभी ।
जो हम तुम एक डगर में हैं ।
देखें दुनिया में हमको सभी ।
पर हम तेरी नजर में हैं ।

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मिलने की है आरजू अभी ।
इन्तजार हर इक पहर में हैं ।
होगा दीदार तेरा जो कभी।
हम इस रहगुजर में हैं ।

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आखे नशीली हो रही सभी ।
जहर मोहब्बत असर मे हैं ।
गए ही नहीं छोड़कर कभी ।
हम भी तेरे शहर में हैं ।

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अनुपमा दीक्षित मयंक

अनुपमा दीक्षित भारद्वाज

नाम - अनुपमा दीक्षित भारद्वाज पिता - जय प्रकाश दीक्षित पता - एल.आइ.जी. ७२७ सेक्टर डी कालिन्दी बिहार जिला - आगरा उ.प्र. पिन - २८२००६ जन्म तिथि - ०९/०४/१९९२ मो.- ७५३५०९४११९ सम्प्रति - स्वतंत्र लेखन छन्दयुक्त एवं छन्दबद्ध रचनाएं देश विदेश के प्रतिष्ठित समाचार पत्रो एवं पत्रिकाओ मे रचनाएं प्रकाशित। शिक्षा - परास्नातक ( बीज विग्यान एवं प्रोद्योगिकी ) बी. एड ईमेल - adixit973@gmail.com