लघुकथा : ओबामा की गाय
अमरीकी राष्ट्रपति भारत के दौरे पर आये, साथ में एक बेशकीमती उपहार लेकर आये. उपहार क्या था एक अमरीकी नस्ल की गाय. इस उपहार की दूर दूर तक चर्चा थी. हमारे देश में आई तो इसे देखने के लिए दूर दूर से लोग आने लगे. कई कई किलोमीटर लम्बी पंक्ति में खड़े हो कर लोग इसके दर्शन कर रहे थे और स्वयं को धन्य मान रहे थे. गाय की खासियत है कि वह दूध तो देती है अपने वजन के बराबर लेकिन चारा खाती है मात्र अपनी पूँछ के भार के बराबर. गाय के दर्शन के लिए हरियाणा के एक अनुभवी किसान भी आये. किसान ने गाय को ऊपर से नीचे तक, आगे से पीछे तक देखा, उसके थनों से दूध की धार निकाल कर देखी और फिर उसे अपना हाथ चटवाया, लेकिन ये क्या ! किसान ने झटके से हाथ पीछे खींचा और दूर जाकर सहम कर खड़ा हो गया. उसके माथे से पसीना टप टप टपकने लगा. मीडिया वाले उसके चारों ओर एकत्र हो गए और माइक उसके आगे कर प्रश्नों की बौछार होने लगी . उसने कहा “ कोई शक नी गाय दूध भोत जादा देवेगी. चारा बी कम खावेगी पर ! …” पर क्या जी ? कहिये कहिये ! “ भई देखो गाय आदमी नू चाटेगी चाटदी जावेगी और धीरे धीरे इसकी जीब मा कंडे उगण लगजांगे ! यो चाटदी जावेगी एक दो तीन फिर गाँव, प्रदेश और देश सबनू चाटेगी “ इतना कह कर किसान तेज तेज क़दमों से अपने घर की ओर निकल गया.
— अनन्त आलोक