अतुकान्त रचना रास छन्द
अतुकान्त रचना रास छन्द पर आधारित [८+८+६]
जीवन मनका, प्राण आधार निहित वृक्ष
माया नगरी प्यार संतान सहज चित्र
अनुपम वर है, यह धरती पे, मीत सदा
वृक्ष लगाओ, जीवन अमृत, गीत सुनो
डाल- डाल फल, प्रेम रतन से, नाम कहे
फूल और फल देत सुधा रस प्रेम जहाँ
भाव सरस रस जीवन साधन मीत नबी
संगीत मधुर झंकार सुधा कानन के
— राजकिशोर मिश्र ‘राज’