कविता

कविता

काश ! असलियत को कभी तुमने जाना होता।
गुस्से में छुपे प्यार को भी तुमने पहचाना होता।

मां बाप इस ज़िंदगी में अनमोल हुआ करते हैं
उनकी सख्ती को बेवजह न तुमने माना होता।

लफ्ज़ों को तुम तोलते रहे यूं बरसों तलक मगर
उनकी हसरतें पूरी करने का कभी तो ठाना होता।

बदले में प्यार के कभी प्यार तुमसे मांगा तो नहीं
बड़े हो पर कभी तो उस घर में तुम्हारा आना होता।

फिर इक दिन जान जाओगे दर्द को उनके इस तरह
जब तुम्हारे भी बच्चों को तुमसे मिले ज़माना होता।।।
कामनी गुप्ता ***

कामनी गुप्ता

माता जी का नाम - स्व.रानी गुप्ता पिता जी का नाम - श्री सुभाष चन्द्र गुप्ता जन्म स्थान - जम्मू पढ़ाई - M.sc. in mathematics अभी तक भाषा सहोदरी सोपान -2 का साँझा संग्रह से लेखन की शुरूआत की है |अभी और अच्छा कर पाऊँ इसके लिए प्रयासरत रहूंगी |