बाल कविता – आओ दीपावली मनाएँ
घर – घर में खुशियाँ फैलाएं
आओ दीपावली मनाएं.
सारी दुनिया जगमग कर दें,
घर – आँगन में खुशियाँ भर दें,
सब मिल जुल कर दीप जलाएं,
आओ दीपावली मनाएँ.
सुन्दर मीठे अजब खिलौने,
पकवानों के हैं क्या कहने,
बैठो खील बतासे खाएं,
आओ दीपावली मनाएँ.
धूम – धड़ाका चारों ओर,
मचा पटाखों का है शोर,
चलकर फुलझड़ियाँ बिखराएँ,
आओ दीपावली मनाएँ.
लक्ष्मी और गणेश की पूजा,
शुभ और लाभ का देव न दूजा,
जीवन अपना सुखी बनाये,
आओ दीपावली मनाएँ.
— अरविन्द कुमार ‘साहू’
bahut sundar baalgeet 🙂
प्रिय अरविंद भाई जी, अति सुंदर कविता के लिए आभार.