कविता

“रुबाई”

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चित्र अभिव्यक्ति ……..
गुटुरगूं गुटुरगूं दिल जब करता है
अंदर कबूतर फुद-फुदक उड़ता है
प्रेमी परिंदा मिलन की चाह लिए
इतिश्री चोंच को आलिंगन करता है॥

महातम मिश्र, गौतम गोरखपुरी

*महातम मिश्र

शीर्षक- महातम मिश्रा के मन की आवाज जन्म तारीख- नौ दिसंबर उन्नीस सौ अट्ठावन जन्म भूमी- ग्राम- भरसी, गोरखपुर, उ.प्र. हाल- अहमदाबाद में भारत सरकार में सेवारत हूँ