कविता

कुछ दोहे……….

विषय-  वर्षा

उमड़ घुमड़ कर बादरा, बरसन को तैयार

हवा बहे तो जल चले, वरना चह बेकार॥

आस लगी नभ देखकर, चपला चमके मेह

सावन कजरी नायिका, बरसत वसुधा नेह॥

 

महातम मिश्र, गौतम गोरखपुरी

*महातम मिश्र

शीर्षक- महातम मिश्रा के मन की आवाज जन्म तारीख- नौ दिसंबर उन्नीस सौ अट्ठावन जन्म भूमी- ग्राम- भरसी, गोरखपुर, उ.प्र. हाल- अहमदाबाद में भारत सरकार में सेवारत हूँ