गीतिका/ग़ज़ल

दर्द दिल का मिटा दीजिये….

दर्द दिल का मिटा दीजिये।
आप बस मुस्कुरा दीजिये॥

आपके हम रहेगे सदा।
आप चाहे भुला दीजिये॥

धडकनों को मिलेगा सुकूं।
प्रेम नगमा सुना दीजिये॥

बात दिल की नही जो सुने।
उनको क्या फिर सदा दीजिये॥

बे वफाई हुई क्यूं सनम।
फिर बहाना नया दीजिये॥

प्यार जिनको जरूरी नही।
फिर भला उनको क्या दीजिये॥

मिलके भी जो मिले ही नही।
उनको दिल से भुला दीजिये॥

मानते ही नही जो कहीं।
क्या भला मशविरा दीजिये॥

जिन्दगी हो भले ही कठिन।
मत वतन से दगा कीजिये॥

सतीश बंसल

*सतीश बंसल

पिता का नाम : श्री श्री निवास बंसल जन्म स्थान : ग्राम- घिटौरा, जिला - बागपत (उत्तर प्रदेश) वर्तमान निवास : पंडितवाडी, देहरादून फोन : 09368463261 जन्म तिथि : 02-09-1968 : B.A 1990 CCS University Meerut (UP) लेखन : हिन्दी कविता एवं गीत प्रकाशित पुस्तकें : " गुनगुनांने लगीं खामोशियां" "चलो गुनगुनाएँ" , "कवि नही हूँ मैं", "संस्कार के दीप" एवं "रोशनी के लिए" विषय : सभी सामाजिक, राजनैतिक, सामयिक, बेटी बचाव, गौ हत्या, प्रकृति, पारिवारिक रिश्ते , आध्यात्मिक, देश भक्ति, वीर रस एवं प्रेम गीत.