गीत/नवगीत

दिल में तिरंगा….

दिल में तिरंगा धडक रहा है देश हमारी जान,
वतन पर जीवन भी कुर्बान।
मान तेरा नही घटने देगें चाहे जाये जान,
वतन पर जीवन भी कुर्बान॥

हम भारत माँ के बेटे है तन मन सब भारत माँ का।
रोम रोम है प्यार तेरा माँ बूँद लहु भारत माँ का॥
अंतिम बूँद बहाकर भी, रखेगें माँ का मान…..
वतन पर जीवन भी कुर्बान…..

सहन नही है दाग हमें माँ तेरे पावन आँचल पर।
मिट जायेगा वो हर दुश्मन उतरेगा जो भी छल पर॥
देश के स्वाभिमान की खातिर, दे सकते है जान…..
वतन पर जीवन भी कुर्बान…..

शान तिरंगा मान तिरंगा, आन और बान तिरंगा है
धर्म तिरंगा कर्म तिरंगा, दीन ईमान तिरंगा है॥
मिट जायेगा जो सोचेगा, करने का अपमान….
वतन पर जीवन भी कुर्बान….

नमन् तुम्हें हे वीर जवानो, हिन्द का स्वाभिमान हो तुम।
गर्व है भारत माँ को तुम पर, भारत की संतान हो तुम॥
चमक रहा है शोर्य तुम्हारा, बन कर के दिनमान….
वतन पर जीवन भी कुर्बान….

सतीश बंसल

*सतीश बंसल

पिता का नाम : श्री श्री निवास बंसल जन्म स्थान : ग्राम- घिटौरा, जिला - बागपत (उत्तर प्रदेश) वर्तमान निवास : पंडितवाडी, देहरादून फोन : 09368463261 जन्म तिथि : 02-09-1968 : B.A 1990 CCS University Meerut (UP) लेखन : हिन्दी कविता एवं गीत प्रकाशित पुस्तकें : " गुनगुनांने लगीं खामोशियां" "चलो गुनगुनाएँ" , "कवि नही हूँ मैं", "संस्कार के दीप" एवं "रोशनी के लिए" विषय : सभी सामाजिक, राजनैतिक, सामयिक, बेटी बचाव, गौ हत्या, प्रकृति, पारिवारिक रिश्ते , आध्यात्मिक, देश भक्ति, वीर रस एवं प्रेम गीत.