नभाटा ब्लॉग पर मेरे दो वर्ष – 10
मैं अभी तक सेकुलरों की सीधी आलोचना से बच रहा था, क्योंकि इसका अवसर नहीं मिला था. लेकिन जून 2012 में मैंने तीन लेखों की एक श्रृंखला लिखी, जिनका शीर्षक था “देश का दुश्मन है सेकुलर सम्प्रदाय“. इस लेखमाला में मैंने अनेक घटनाओं का विस्तार से उल्लेख करते हुए इस बात पर बल दिया था कि इन तथाकथित सेकुलरों का मुख्य उद्देश्य हिन्दू समाज को नीचा दिखाना और अल्पसंख्यक (यानी मुस्लिम) समाज को सारे अधिकार दिलाना है, ताकि फिर से देश तोड़ने की भूमिका बनायी जा सके. इन लेखों के लिंक यहाँ दे रहा हूँ-
http://readerblogs.navbharattimes.indiatimes.com/Khattha-Meetha/entry/%E0%A4%A6-%E0%A4%B6-%E0%A4%95-%E0%A4%A6-%E0%A4%B6-%E0%A4%AE%E0%A4%A8-%E0%A4%B9-%E0%A4%B8-%E0%A4%95-%E0%A4%B2%E0%A4%B0-%E0%A4%B8%E0%A4%AE-%E0%A4%AA-%E0%A4%B0%E0%A4%A6-%E0%A4%AF-1
http://readerblogs.navbharattimes.indiatimes.com/Khattha-Meetha/entry/%E0%A4%A6-%E0%A4%B6-%E0%A4%95-%E0%A4%A6-%E0%A4%B6-%E0%A4%AE%E0%A4%A8-%E0%A4%B9-%E0%A4%B8-%E0%A4%95-%E0%A4%B2%E0%A4%B0-%E0%A4%B8%E0%A4%AE-%E0%A4%AA-%E0%A4%B0%E0%A4%A6-%E0%A4%AF-2
http://readerblogs.navbharattimes.indiatimes.com/Khattha-Meetha/entry/%E0%A4%A6-%E0%A4%B6-%E0%A4%95-%E0%A4%A6-%E0%A4%B6-%E0%A4%AE%E0%A4%A8-%E0%A4%B9-%E0%A4%B8-%E0%A4%95-%E0%A4%B2%E0%A4%B0-%E0%A4%B8%E0%A4%AE-%E0%A4%AA-%E0%A4%B0%E0%A4%A6-%E0%A4%AF-3
इन लेखों पर सैकड़ों की संख्या में कमेंट आये. जो लोग मेरे विचारों से सहमत थे, उन्होंने जमकर मेरा समर्थन किया, जबकि तथाकथित सेकुलर विचारधारा के लोगों ने बहुत हायतोबा मचाई, हालाँकि मेरे सुदृढ़ तर्कों का किसी के पास कोई उत्तर नहीं था.
इन लेखों पर पाठकों में भी आपस में बहुत बहस हुई. कई मुस्लिम पाठक तो अपना कठमुल्लापन दिखा ही रहे थे, पर कई हिन्दू सेकुलरों ने भी मेरी बातों की आलोचना की, हालाँकि उनकी अधिकांश बातें विषय से हटकर ही थीं.
— विजय कुमार सिंघल
श्रावण शुक्ल 6, सं 2073 वि. (8 अगस्त 2016)