संस्मरण

नभाटा ब्लॉग पर मेरे दो वर्ष – 13

नवभारत टाइम्स (नभाटा) में अपने ब्लॉग पर मैं मुख्यतः राजनीतिक विषयों पर लेख लिखा करता था. एक श्रृंखला के रूप में मैं स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद के देश के राजनैतिक इतिहास पर लेख लिखता था. स्वाभाविक रूप से मैं उनमें नेहरु-गाँधी-मैनो परिवार की आलोचना किया करता था. एक अन्य ब्लॉगर थे जो “बिरजू अकेला” नाम से ब्लॉग लिखते थे. उनको मैं मजाक में ‘बकेला’ कहा करता था. कई बार वे मेरे किसी लेख के जबाब में अपना लेख लिखा करते थे.

एक बार मैंने अपने एक ब्लाॅग में एक टिप्पणी के जबाब में नेहरू-गाँधी-मैनो परिवार को देशद्रोही लिखा था, इसके विरोध में ब्लाॅगर बकेला ने बहुत जहर उगला। उनसे एक पाठक ने पूछा था कि आप इस परिवार को देशभक्त साबित कीजिए। इसके जबाब में बकेला ने इस परिवार को देश भक्त साबित करने के लिए पाँच कारण बताये थे- 1. आपात्काल लगाना, 2. जनसंख्या नियंत्रण करना, 3. बैंकों का राष्ट्रीयकरण करना, 4. राजाओं का प्रिवीपर्स समाप्त करना और 5. पाकिस्तान के टुकड़े करना।

मैंने अपने अगले ही लेख में इस सभी कारणों की पड़ताल करते हुए यह सिद्ध कर दिया कि ये सारे कारण गलत हैं. इस लेख का लिंक यहाँ दे रहा हूँ-

http://readerblogs.navbharattimes.indiatimes.com/Khattha-Meetha/entry/%E0%A4%95-%E0%A4%AF-%E0%A4%A8-%E0%A4%B9%E0%A4%B0-%E0%A4%97-%E0%A4%A7-%E0%A4%AE-%E0%A4%A8-%E0%A4%AA%E0%A4%B0-%E0%A4%B5-%E0%A4%B0-%E0%A4%A6-%E0%A4%B6%E0%A4%AD%E0%A4%95-%E0%A4%A4-%E0%A4%B9

इस लेख पर बहुत कमेंट आये. लगभग सभी ने मेरी बात का समर्थन किया. कई लोगों ने तो और भी आगे बढ़कर इस परिवार के बारे में अनेक कथनीय-अकथनीय बातें कहीं. अशोभनीय भाषा के कारण कुछ टिप्पणियाँ मुझे ब्लॉग से हटानी पड़ीं.

मुझे इस बात का संतोष है कि मैंने अपने ब्लॉग को कभी अशोभनीय भाषा और विवाद का केंद्र नहीं बनने दिया.

— विजय कुमार सिंघल

भाद्रपद कृ. 5, सं. 2073 वि. (22 अगस्त 2016)

डॉ. विजय कुमार सिंघल

नाम - डाॅ विजय कुमार सिंघल ‘अंजान’ जन्म तिथि - 27 अक्तूबर, 1959 जन्म स्थान - गाँव - दघेंटा, विकास खंड - बल्देव, जिला - मथुरा (उ.प्र.) पिता - स्व. श्री छेदा लाल अग्रवाल माता - स्व. श्रीमती शीला देवी पितामह - स्व. श्री चिन्तामणि जी सिंघल ज्येष्ठ पितामह - स्व. स्वामी शंकरानन्द सरस्वती जी महाराज शिक्षा - एम.स्टेट., एम.फिल. (कम्प्यूटर विज्ञान), सीएआईआईबी पुरस्कार - जापान के एक सरकारी संस्थान द्वारा कम्प्यूटरीकरण विषय पर आयोजित विश्व-स्तरीय निबंध प्रतियोगिता में विजयी होने पर पुरस्कार ग्रहण करने हेतु जापान यात्रा, जहाँ गोल्ड कप द्वारा सम्मानित। इसके अतिरिक्त अनेक निबंध प्रतियोगिताओं में पुरस्कृत। आजीविका - इलाहाबाद बैंक, डीआरएस, मंडलीय कार्यालय, लखनऊ में मुख्य प्रबंधक (सूचना प्रौद्योगिकी) के पद से अवकाशप्राप्त। लेखन - कम्प्यूटर से सम्बंधित विषयों पर 80 पुस्तकें लिखित, जिनमें से 75 प्रकाशित। अन्य प्रकाशित पुस्तकें- वैदिक गीता, सरस भजन संग्रह, स्वास्थ्य रहस्य। अनेक लेख, कविताएँ, कहानियाँ, व्यंग्य, कार्टून आदि यत्र-तत्र प्रकाशित। महाभारत पर आधारित लघु उपन्यास ‘शान्तिदूत’ वेबसाइट पर प्रकाशित। आत्मकथा - प्रथम भाग (मुर्गे की तीसरी टाँग), द्वितीय भाग (दो नम्बर का आदमी) एवं तृतीय भाग (एक नजर पीछे की ओर) प्रकाशित। आत्मकथा का चतुर्थ भाग (महाशून्य की ओर) प्रकाशनाधीन। प्रकाशन- वेब पत्रिका ‘जय विजय’ मासिक का नियमित सम्पादन एवं प्रकाशन, वेबसाइट- www.jayvijay.co, ई-मेल: jayvijaymail@gmail.com, प्राकृतिक चिकित्सक एवं योगाचार्य सम्पर्क सूत्र - 15, सरयू विहार फेज 2, निकट बसन्त विहार, कमला नगर, आगरा-282005 (उप्र), मो. 9919997596, ई-मेल- vijayks@rediffmail.com, vijaysinghal27@gmail.com