कविता : मेरे हालात
मुस्कुराहट में ग़म हम छुपा लेते हैं !
मेरे हालात गैरों को भी रुला देते हैं ! !
हो जाते हैं ग़मगीन, जब हालातों से हम !
अपनी निराशा, हम आँसू में बहा देते हैं ! !
मेरे हालात…
महकें यादें तेरीं, अब भी पलकों में मेरी !
उन यादों को कहीं यादों में दफना देते हैं ! !
मेरे हालात…
सदाओं पे तेरी, रुक जाएँ अब भी साँसें !
हो निशब्द, हाल दिल का छुपा लेते हैं ! !
मेरे हालात…
नादां दिल करे अब भी, चाँद पाने की ख्वाहिश !
अहसास दिल के खुद से छुपा लेते हैं ! !
मेरे हालात…
अंजु गुप्ता