क्षणिका

तेंदूपत्तों की हुंकार

तेंदूपत्ता ने कहा *****

पांच सौ रुपये नोट

और हजार के नोट से

काये तुम चल नहीं पाये

चलन से बाहर कर दिए गये

हम पत्तों को देखो

स्वास्थ्य के लिए हानि करक होते हुये

आज भी चल रहे है बिड़ी के रूप

तुम्हारा क्या होगा

पीलिया और लालिया  

अनिल कुमार सोनी

जन्मतिथि :01.07.1960 शहर/गाँव:पाटन जबलपुर शिक्षा :बी. काम, पत्रकारिता में डिप्लोमा लगभग 25 वर्षों से अब तक अखबारों में संवाददाता रहा एवं गद्य कविताओं की रचना की अप्रकाशित कविता संग्रह "क्या तुम समय तो नहीं गवां रहे हो "एवं "मधुवाला" है। शौक :हिंदी सेवा सम्प्रति :टाइपिंग सेंटर संचालक