कविता

कविता : झाँसी की रानी

धर काली का रोंद्र रुप,
अंग्रेजों का संहार किया !
मातृभूमि की रक्षा हेतु,
दुर्गा का अवतार लिया ! !

बुद्धि-विवेक श्रंगार था जिसका
जो अस्त्र – शस्त्र की ज्ञानी थी !
त्याग वैभव, जो मर्दों सी लड़ी,
वो झाँसी वाली रानी थी ! !

पीठ बाँध कर नन्हा बालक,
अंग्रेजों के छक्के छुड़ा दिए !
न जाने कितने ही शत्रु,
रणभूमि पर उसने गिरा दिए ! !

गवारा न थी जिसको गुलामी,
वो रानी बड़ी स्वाभिमानी थी !
झाँसी की रक्षा की खातिर,
वीरांगना “मनु” ने दी कुर्बानी थी ! !

अंजु गुप्ता

*अंजु गुप्ता

Am Self Employed Soft Skill Trainer with more than 24 years of rich experience in Education field. Hindi is my passion & English is my profession. Qualification: B.Com, PGDMM, MBA, MA (English), B.Ed