लघुकथा

लघुकथा : खरी बात

किसी काम से एक ग्रामीण अपने विधायक के पास गया। उसने कहा, ‘ बड़ी उम्मीद लेकर आया हूं कि आप मेरा काम करा देंगे। मैं आपकी ही जाति का हूं। ‘
यह सुनना था कि विधायक महोदय फट पड़े। वे वहां बैठे लोगों को सुनाते हुए बोले, ‘ मेरे लिए क्षेत्र के सभी लोग समान हैं। जो जाति- बिरादरी की बात करता है, उससे मुझे सख्त नफरत है। आप जा सकते हैं।’
‘ चला जाऊंगा, महोदय, लेकिन एक बात कह कर।—- चुनाव के वक्त तो बिरादर ही आपके लिए भगवान थे। तब आप जाति-बिरादरी की संकीर्णता से ऊपर क्यों नहीं उठे थे ?’
उस मुंहफट की खरी बात से विधायक जी रह गए चोट खाए सांप की तरह तिलमिला कर।
– राजकुमार धर द्विवेदी

राजकुमार धर द्विवेदी

1. नाम: राजकुमार धर द्विवेदी 2. धारक नाम / उपनाम (लेखन हेतु): विद्रोही / राज 3. जन्मदिन एवं जन्म स्थान: 0 7- 07 - 1967, ग्राम -झरी, पो. -पांती, हनुमना, जिला -रीवा, (मध्यप्रदेश)। 4. शैक्षणिक योग्यता (ऐच्छिक): स्नातक। 5. व्यवसाय: पत्रकारिता -वरिष्ठ उप -संपादक -'नईदुनिया', रायपुर (छत्तीसगढ़ ) जागरण समूह। 6. प्रमुख लेखन विधा: कविता (गीत/अन्य छंद/ नई कविता ) 7. साहित्यिक उपलब्धियाँ/पुरस्कार/सम्मान: -------कादम्बिनी, धर्मयुग, साप्ताहिक हिंदुस्तान, नंदन, पराग, सरिता, मुक्ता, चंपक और विभिन्न समाचार पत्रों में कविता-कहानी, लेख आदि का प्रकाशन और आकाशवाणी से नाटकों, वार्ताओं व कविताओं का प्रसारण। विभिन्न मंचों से काव्य -पाठ। साहित्य और पत्रकारिता के कई पुरस्कार प्राप्त। सतना, जबलपुर, रायपुर में कई बार सम्मानित। 8. रुचि/शौक़: बच्चों के लिए लिखने में खास रुचि, मित्र बनाना , घूमना, दर्दभरे गाने सुनना। 9. वर्तमान पता एवं सम्पर्क सूत्र (ऐच्छिक) : दैनिक नईदुनिया, जेल रोड, रायपुर (छत्तीसगढ़ ). मोबाइल - 7415338202 / 09425484657