कविता

शब्दों का खेल

कभी प्राण बन
कभी बाण बन
बींध हृदय को जाते हैं !
ये “शब्द” बहुत कुछ कह जाते हैं ! !

कभी तोड़ें नाता
कभी जोड़ें नाता
नित नई कहानी बनाते हैं !
ये “शब्द” बहुत कुछ कह जाते हैं ! !

कभी बन फूल
कभी बन शूल
तूफान ह्रदय में मचाते हैं !
ये “शब्द” बहुत कुछ कह जाते हैं ! !

कभी मौन रह
कभी हो मुखर
ज्वारभाटा से बन जाते हैं !
ये ” शब्द” बहुत कुछ कह जाते हैं ! !

कभी कर आबाद
कभी कर बर्बाद
ज़िंदगानी बेमानी कर जाते हैं !
ये “शब्द” बहुत कुछ कह जाते हैं ! !

कभी इजहार-ए-प्यार
कभी नफरत-ए-इज़हार कर
अफ़साने कईं लिख जाते हैं !
ये “शब्द” बहुत कुछ कह जाते हैं ! !

अंजु गुप्ता

*अंजु गुप्ता

Am Self Employed Soft Skill Trainer with more than 24 years of rich experience in Education field. Hindi is my passion & English is my profession. Qualification: B.Com, PGDMM, MBA, MA (English), B.Ed