गीतिका/ग़ज़ल

हर इक आदमी

हर इक आदमी बहुत से किरदार लिये फिरता है
हर दौलतमंद जेब में अब सरकार लिये फिरता है

सच बोलने वाला शख्स लोगोँ को बुरा लगता है
झूठा शख्स तारीफों की भरमार लिये फिरता है

कुछ पढ़कर सुनादे वो तो सब ग़मगीन हो जाएं
वो शख़्स हाथ में यारोँ अख़बार लिये फिरता है

किसी ने कहा था उससे कि दौलत बरस जायेगी
अब वो ईमान बेचने का इश्तिहार लिये फिरता है

ये बेरोजगारी देखकर मेरे भीतर से कहता है कोई
कि “वशिष्ठ” तू तो डिग्रियाँ बेकार लिये फिरता है

जी आर वशिष्ठ

जी आर वशिष्ठ

नाम: जी आर वशिष्ठ पता:मकान न.-635, वार्ड न.-2, भगतसिंह सर्किल के पास कदम कॉलोनी,रामबास, तहसील- गोविंदगढ़ , जिला- अलवर, राजस्थान पिन:- 301604 पेशे से मूर्तिकार हूँ ,राजनीति विज्ञान से स्नातकोत्तर उत्तरार्द्ध में अध्ययनरत हूँ। थोड़ा-बहुत लिखता भी हूँ.. मेरी रचनाऐं जिन समाचार पत्रों में आती रहती हैं , उनमें प्रमुख दैनिक वर्तमान अंकुर, नोयड़ा, दैनिक नवप्रदेश, छत्तीसगढ़, दैनिक हमारा मेट्रो, नोयड़ा, राजस्थान की जान, चूरू आदि हैं..