भजन/भावगीत

प्रार्थना

मैय्या पूजा बिधि न ज्ञाना,कैसे का करी।।

खड्ग त्रिशूल हाथ मे शोभित,सिंह सवारी जाना।

दुष्ट विनाशक सुनिकै,मैया जी तौ बहुत डेराना।

मैय्या ऐसा दो वरदना गलती न करी।।

चन्द्रहास कर खप्पर लीन्हों,निश्चर मारन कारन।

मुण्डमाल गल मे शोभित है,भक्तों की भय हारन।

मैय्या ऐसा रूप दिखाना जिससे न डरी।।

पुस्तक,वीणा,माल हाथ मे,हंस सवारी जाना।

एक हाथ भक्तों के ऊपर, सदा छत्र सा ताना।

मैय्या दे दो बहुत सा ज्ञाना चरणन मा परी।।

उच्च शिखर गिरि वास तिहारो,पुत्र है तेरो नान्हा।

दुर्गम पन्थ अथाह भवन का,पता न मेरो जाना।

मैय्या जल्दी दौड़ के आना,आरति हम करी।।

डॉ. जय प्रकाश शुक्ल

एम ए (हिन्दी) शिक्षा विशारद आयुर्वेद रत्न यू एल सी जन्मतिथि 06 /10/1969 अध्यक्ष:- हवज्ञाम जनकल्याण संस्थान उत्तर प्रदेश भारत "रोजगार सृजन प्रशिक्षण" वेरोजगारी उन्मूलन सदस्यता अभियान सेमरहा,पोस्ट उधौली ,बाराबंकी उप्र पिन 225412 mob.no.9984540372