कविता

कविता : सत्ता जहर है

सत्ता जहर है जिसका विष पी,
मैं नीलकंठ बन जाऊंगा।
“शिव” बनकर “शिव” करूंगा सबका,
भस्मासुर को मिटाऊंगा।

राजनीति की बात अजब है,
इसमें सब उल्टा होना है।
कर्म की अखंड ज्योति जलाकर,
इस भ्रम को मिटाऊंगा।

देश विकास की औषधि राजनीति,
असुरों ने इसे जहर बनाया।
मैं देश पुत्र बन देश बन्धु,
गंगा सा निर्मल बनाऊंगा।।

“कमल” हाथ तो लक्ष्मी साथ में,
भूले को स्मरण कराऊंगा।
विकासशील को विकसित करने,
ही सत्ता में आऊंगा।

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।। प्रदीप कुमार तिवारी ।।
करौंदी कला, सुलतानपुर
7537807761⁠⁠⁠⁠

 

प्रदीप कुमार तिवारी

नाम - प्रदीप कुमार तिवारी। पिता का नाम - श्री दिनेश कुमार तिवारी। माता का नाम - श्रीमती आशा देवी। जन्म स्थान - दलापुर, इलाहाबाद, उत्तर-प्रदेश। शिक्षा - संस्कृत से एम ए। विवाह- 10 जून 2015 में "दीपशिखा से मूल निवासी - करौंदी कला, शुकुलपुर, कादीपुर, सुलतानपुर, उत्तर-प्रदेश। इलाहाबाद मे जन्म हुआ, प्रारम्भिक जीवन नानी के साथ बीता, दसवीं से अपने घर करौंदी कला आ गया, पण्डित श्रीपति मिश्रा महाविद्यालय से स्नातक और संत तुलसीदास महाविद्यालय बरवारीपुर से स्नत्कोतर की शिक्षा प्राप्त की, बचपन से ही साहित्य के प्रति विशेष लगव रहा है। समाज के सभी पहलू पर लिखने की बराबर कोशिस की है। पर देश प्रेम मेरा प्रिय विषय है मैं बेधड़क अपने विचार व्यक्त करता हूं- *शब्द संचयन मेरा पीड़ादायक होगा, पर सुनो सत्य का ही परिचायक होगा।।* और भ्रष्टाचार पर भी अपने विचार साझा करता हूं- *मैं शब्दों से अंगार उड़ाने निकला हूं, जन जन में एहसास जगाने निकला हूं। लूटने वालों को हम उठा-उठा कर पटकें, कर सकते सब ऐसा विश्वास जगाने निकला हूं।।* दो साझा पुस्तके जिसमे से एक "काव्य अंकुर" दूसरी "शुभमस्तु-5" प्रकाशित हुई हैं