गीतिका/ग़ज़ल

ग़ज़ल : दिल हाथ से अब जाता रहेगा

दिल हाथ से अब जाता रहेगा
नगमे मुहब्बत के गाता रहेगा

अगर रूठ जाओ कभी तो सनम
दिल तुमको यूं ही मनाता रहेगा

आती नहीं शोखियां हमको लेकिन
सादगी से प्यार को निभाता रहेगा

मिल गए जो कभी तुम हमनशीं
दिल फिर सदा मुस्कराता रहेगा

उल्फत के किस्से सुने थे हजारों
आपबीती तुम्हें अब बताता रहेगा

— कामनी गुप्ता, जम्मू

कामनी गुप्ता

माता जी का नाम - स्व.रानी गुप्ता पिता जी का नाम - श्री सुभाष चन्द्र गुप्ता जन्म स्थान - जम्मू पढ़ाई - M.sc. in mathematics अभी तक भाषा सहोदरी सोपान -2 का साँझा संग्रह से लेखन की शुरूआत की है |अभी और अच्छा कर पाऊँ इसके लिए प्रयासरत रहूंगी |