मुक्तक/दोहा

विविध दोहावली “भारत माँ के लाल”

निहित ज्ञान का पुंज है, गीता में श्रीमान।
पढ़ना इसको ध्यान से, इसमें है विज्ञान।।


जनता की है दुर्दशा, जन-जीवन बेहाल।
कूड़ा-कर्कट बीनते, भारत माँ के लाल।। 


मामा शकुनि हो गये, बिगड़ गये हैं ढंग।
पक्षपात को देखकर, हुए भानजे दंग।।


देते हैं सन्ताप को, नीच घरों के लोग।
इसीलिए तो मुकदमें, लोग रहे हैं भोग।।


चना-चबेना भी नहीं, महँगाई की मार।
अब तो इस सरकार से, गया आदमी हार।।


आड़ी-तिरछी हाथ में, होतीं बहुत लकीर।
कोई है राजा यहाँ, कोई रंक-फकीर।।


सुख देती है सभी को, जल की नेह फुहार।
वासन्ती परिवेश में, कुदरत का उपहार।।


पाषाणों की चोट से, शीशा जाता टूट।
मनुज कभी झुकता नहीं, पीकर गम के घूँट।।


हर युग में होती रही, अभिमन्यू की मौत।
खुली चुनौती दे रहा, चन्दा को खद्योत।।


शिकवा और शिकायतें, जीवन के हैं साथ।
बुरे वक्त में दोस्त को, आजमाइए तात।।


हँसकर जीवन को जियो, रहना नहीं उदास।
नीरसता को त्याग कर, करो हास-परिहास।।


प्रणय जगाता है सदा, तन-मन में उदगार।
प्रेम हमेशा ही रहा, जीवन का आधार।।


नौनिहाल को सीख दें, सुधरेगा संसार।
कहने से पहले जरा, मन में करो विचार।।


चिपकी-चिपकी पेंट से, नंगी देह दिखाय।
अच्छा-खासा आदमी, नंगा सा बन जाय।।


नंगापन फैशन बना, इससे रहना दूर।
पूरब वाले क्यों हुए, फैशन में मजबूर।।


बिगड़ गया है आज तो, दुनिया का परिधान।
मानवता का हो रहा, पग-पग पर अपमान।।

(डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री ‘मयंक’)

*डॉ. रूपचन्द शास्त्री 'मयंक'

एम.ए.(हिन्दी-संस्कृत)। सदस्य - अन्य पिछड़ा वर्ग आयोग,उत्तराखंड सरकार, सन् 2005 से 2008 तक। सन् 1996 से 2004 तक लगातार उच्चारण पत्रिका का सम्पादन। 2011 में "सुख का सूरज", "धरा के रंग", "हँसता गाता बचपन" और "नन्हें सुमन" के नाम से मेरी चार पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं। "सम्मान" पाने का तो सौभाग्य ही नहीं मिला। क्योंकि अब तक दूसरों को ही सम्मानित करने में संलग्न हूँ। सम्प्रति इस वर्ष मुझे हिन्दी साहित्य निकेतन परिकल्पना के द्वारा 2010 के श्रेष्ठ उत्सवी गीतकार के रूप में हिन्दी दिवस नई दिल्ली में उत्तराखण्ड के माननीय मुख्यमन्त्री डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक द्वारा सम्मानित किया गया है▬ सम्प्रति-अप्रैल 2016 में मेरी दोहावली की दो पुस्तकें "खिली रूप की धूप" और "कदम-कदम पर घास" भी प्रकाशित हुई हैं। -- मेरे बारे में अधिक जानकारी इस लिंक पर भी उपलब्ध है- http://taau.taau.in/2009/06/blog-post_04.html प्रति वर्ष 4 फरवरी को मेरा जन्म-दिन आता है