मुक्तक/दोहा

उन्हें इश्क़ है हमसे

उसका कुछ नही बिगड़ा ‘दवे’ तेरी नाराजगी

देख कर भी, मेरे आंसुओं का क़र्ज़ न उतारा गया,

और वो हंस कर नहीं बोली मुझसे आज एक बार,

मैं दिन में कितनी बार बेमौत मारा गया…….

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इस गफलत में मत रहना के ये वक़्त तेरा है,

वक़्त किसी का नहीं होता न तेरा न मेरा है…

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ये अजीब सी उलझन में फंस गया मजाक मजाक में,

उन्हें इश्क़ है हमसे और इजहार मुमकिन नहीं.

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मैं चला तो जाऊ तुमसे दूर मगर,

ये सोच कर लौट आता हूँ.

तेरा ख्याल तुझसे नहीं रखा जाएगा,

मेरा ख्याल मुझसे नहीं रखा जाएगा.

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उसपर क्या भरोसा करूँ तू ही बता मेरे दोस्त,

जिसकी आँखे खूबसूरत,मगर नजर खराब है……..

विनोद दवे

नाम = विनोदकुमारदवे परिचय = एक कविता संग्रह 'अच्छे दिनों के इंतज़ार में' सृजनलोक प्रकाशन से प्रकाशित। अध्यापन के क्षेत्र में कार्यरत। विनोद कुमार दवे 206 बड़ी ब्रह्मपुरी मुकाम पोस्ट=भाटून्द तहसील =बाली जिला= पाली राजस्थान 306707 मोबाइल=9166280718 ईमेल = davevinod14@gmail.com