कविता

क (आओ अंत्याक्षरी सीखें किताब से एक पृष्ठ)

1.कौआ काला कोयल काली,
रंग में कोई भेद नहीं,
कौए को सब दूर भगाएं,
मीठी कोयल लगे भली.

 

 

2.किसी तरह का आना-जाना,
यातायात कहाता है,
थल से, जल से, नभ से भाई,
आया-जाया जाता है.

 

 

3.कोई गलत काम जब करता,
कहते, ”तू तो गधाराम है”,
पर बेचारा गधा न चिड़ता,
वह तो ऐसे ही बदनाम है.

 

 

4.कान बंद हैं जिस बंदर के,
वह कहता है बुरा न सुनना,
सुनना मीठी-सच्ची बातें,
निंदा-गाली कभी न सुनना.

 

 

5.कैं-कैं-कैं-कैं बोले बोली,
सुनकर सभी दिशाएं डोलीं,
डाल-डाल पर उड़ता रहता,
मोर नहीं है झगड़ा करता.

 

 

6.कभी सुना था बनो घास-से,
नम्र बचाओ खुद को,
अब तो झुको झूठ के आगे,
सत्य ढहाता घर को.

*लीला तिवानी

लेखक/रचनाकार: लीला तिवानी। शिक्षा हिंदी में एम.ए., एम.एड.। कई वर्षों से हिंदी अध्यापन के पश्चात रिटायर्ड। दिल्ली राज्य स्तर पर तथा राष्ट्रीय स्तर पर दो शोधपत्र पुरस्कृत। हिंदी-सिंधी भाषा में पुस्तकें प्रकाशित। अनेक पत्र-पत्रिकाओं में नियमित रूप से रचनाएं प्रकाशित होती रहती हैं। लीला तिवानी 57, बैंक अपार्टमेंट्स, प्लॉट नं. 22, सैक्टर- 4 द्वारका, नई दिल्ली पिन कोड- 110078 मोबाइल- +91 98681 25244