कविता

कविता

 

जिंदगी को मैंने नजदीक से निहारा है ।
जेठ की दुपहरी में देखा बदन जलता हुआ।
पसीने की बूंदो से तर बतर ,
वो काला नर,
बैलों के साथ मे ही बैल बन के चलता हुआ ।
न..न..ब..ब..की धुन पे पैर थिरकते उसके ,
लोहे के हाथ पैर है ,जो न थकते उसके ?

मैंने बरसात में देखी खेतों की किचकिच ,
उँगलियों के सड़ गये पोर मैंने देखे हैं।
चरर..चरर करते हँसिये भी सुने मैने ,
पके गेहूँ के चैत भोर मैंने देखे है ।
बोझ भारी देखे सिर पर ,
लचकती देखी कमर ,
भूसे के भूहे में देखे पटे हुए छप्पर ।
धान की निराई,
जोंके लिपटा बाहर आये ।
धान की पुआलों पर मैंने
मुड़कुले खाये ।
मैंने पकी फसल पर गिरते ओले देखे ।
पकी फसल में लगी आग के शोले देखे ।
आधी धोती में मैंने रोते हुए नर देखे ।
बुझे चूल्हे देखे, गमगीन पड़े घर देखे ।
घाघरा का कफन सा फैला हुआ जल देखा ।
डूबती पसीने से तर बतर फसल, देखा ।

कभी जीवन दिया प्रकृति ने, कभी मारा है ।
जिंदगी को मैंने नजदीक से निहारा है ।

…………………. डॉ दिवाकर द

*डॉ. दिवाकर दत्त त्रिपाठी

नाम : डॉ दिवाकर दत्त त्रिपाठी आत्मज : श्रीमती पूनम देवी तथा श्री सन्तोषी . लाल त्रिपाठी जन्मतिथि : १६ जनवरी १९९१ जन्म स्थान: हेमनापुर मरवट, बहराइच ,उ.प्र. शिक्षा: एम.बी.बी.एस. एम.एस.सर्जरी संप्रति:-वरिष्ठ आवासीय चिकित्सक, जनरल सर्जरी विभाग, स्वशासी राज्य चिकित्सा महाविद्यालय ,फतेहपुर (उ.प्र.) पता. : रूम नं. 33 (द्वितीय तल न्यू मैरिड छात्रावास, हैलट हास्पिटल जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज कानपुर (उ.प्र.) प्रकाशित पुस्तक - तन्हाई (रुबाई संग्रह) उपाधियाँ एवं सम्मान - १- साहित्य भूषण (साहित्यिक सांस्कृतिक कला संगम अकादमी ,परियावाँ, प्रतापगढ़ ,उ. प्र.द्वारा ,) २- शब्द श्री (शिव संकल्प साहित्य परिषद ,होशंगाबाद ,म.प्र. द्वारा) ३- श्री गुगनराम सिहाग स्मृति साहित्य सम्मान, भिवानी ,हरियाणा द्वारा ४-अगीत युवा स्वर सम्मान २०१४ अ.भा. अगीत परिषद ,लखनऊ द्वारा ५-' पंडित राम नारायण त्रिपाठी पर्यटक स्मृति नवोदित साहित्यकार सम्मान २०१५, अ.भा.नवोदित साहित्यकार परिषद ,लखनऊ ,द्वारा ६-'साहित्य भूषण' सम्मान साहित्य रंगोली पत्रिका लखीमपुर खीरी द्वारा । ७- 'साहित्य गौरव सम्मान' श्रीमती पुष्पा देवी स्मृति सम्मान समिति बरेली द्वारा । ८-'श्री तुलसी सम्मान 2017' सनातन धर्म परिषद एवं तुलसी शोध संस्थान,मानस नगर लखनऊ द्वारा ' ९- 'जय विजय रचनाकार सम्मान 2019'(गीत विधा) जय विजय पत्रिका (आगरा) द्वारा १०-'उत्तर प्रदेश काव्य श्री सम्मान' विश्व हिंदी रचनाकार