गीतिका/ग़ज़ल

ग़ज़ल : किस्मत आजमाना चल रहा है

कि किस्मत आजमाना चल रहा है
रवायत का निभाना चल रहा है।
जो रुठे ख्वाब हैं आंखों से मेरी
उन्हें अब तक मनाना चल रहा है
बड़े ही सर्द हैं जज्बात दिल के
वफा की लौ दिखाना चल रहा है।
बहुत जागी हैं उम्मीदों की आँखें
सुकूँ दे कर सुलाना चल रहा है।
बरस जाते हैं आबे चश्म बरबस
गमे सावन सुहाना चल रहा है।
मिली उल्फत में कब मंजिल किसी को
लिए हसरत दिवाना चल रहा है।
गज़ल बनती है मेरी अब तुम्ही से
तुम्ही को गुन गुनाना चल रहा है।
तुझे खो कर “तनुज” बेजार  दुनियां
गमों का कारखाना चल रहा है।
सतीश मैथिल ‘तनुज’

सतीश मैथिल 'तनुज'

नाम - सतीश मैथिल (शर्मा) "तनुज" पिता का नाम - स्व. श्री बासुदेव शर्मा माता का नाम - स्व. श्रीमती मोहर श्री देवी शर्मा धर्म पत्नी का नाम - श्रीमती आशा मैथिल जन्मतिथि - 19 मार्च शिक्षा - वाणिज्य स्नातक जन्मस्थली - आगरा ( उत्तर प्रदेश) पता - १६, रो हाउस, सोना नगर .IOC.रोड , चाँदखेडा अहमदाबाद -गुजरात पिन कोड..३८२४२४ मो. नं. - ०९८७९६१३८७४ सम्प्रति - स्वतंत्र लेखन ,देशभर के कई प्रतिष्ठित अखबारों में गजल, गीत, छंदमुक्त कविताएँ प्रकाशित होना। सम्मान - दिल्ली भाषा सहोदरी द्वारा सम्मानित - ग्वालियर कला परिषद् द्वारा " शब्द कलश" एवं "दीपशिखा" सम्मान - मैथिल ब्राह्मण समाज बडौदा द्वारा "मैथिल रत्न" सम्मान प्रकाशित पुस्तकें - साझा काव्य संग्रह सहोदरी सोपान -२, दीपशिखा, शब्द कलश, पुष्पगंधा, सहोदरी सोपान 3 Email - sbmaithil@Gmail.com