गीतिका/ग़ज़ल

ग़ज़ल : तेरे अहसास लेकर बनाई गज़ल

तेरे अहसास लेकर बनाई गज़ल
फिर तरन्नुम ने तेरे सजाई गज़ल।
हम चले ढूंढने हर्फ औ खो गए
तेरी आंखों में दी तब दिखाई गज़ल।
माँ ने बाँधी दुआ जब भी दामन मेरे
तो ख़ुदा की लगी रहनुमाई गज़ल।
बेटियां जब चली माँ का घर छोड़ कर
गुनगुनाने लगी थी विदाई गज़ल।
था गुमां जीत लेंगे सफ़र जिंदगी
वक्त ने तब पलट कर सिखाई गज़ल।
भूख से जाके कोई निवाला मिला
तब जहन में “तनुज” मुस्कुराई गज़ल।
सतीश मैथिल ‘तनुज’

सतीश मैथिल 'तनुज'

नाम - सतीश मैथिल (शर्मा) "तनुज" पिता का नाम - स्व. श्री बासुदेव शर्मा माता का नाम - स्व. श्रीमती मोहर श्री देवी शर्मा धर्म पत्नी का नाम - श्रीमती आशा मैथिल जन्मतिथि - 19 मार्च शिक्षा - वाणिज्य स्नातक जन्मस्थली - आगरा ( उत्तर प्रदेश) पता - १६, रो हाउस, सोना नगर .IOC.रोड , चाँदखेडा अहमदाबाद -गुजरात पिन कोड..३८२४२४ मो. नं. - ०९८७९६१३८७४ सम्प्रति - स्वतंत्र लेखन ,देशभर के कई प्रतिष्ठित अखबारों में गजल, गीत, छंदमुक्त कविताएँ प्रकाशित होना। सम्मान - दिल्ली भाषा सहोदरी द्वारा सम्मानित - ग्वालियर कला परिषद् द्वारा " शब्द कलश" एवं "दीपशिखा" सम्मान - मैथिल ब्राह्मण समाज बडौदा द्वारा "मैथिल रत्न" सम्मान प्रकाशित पुस्तकें - साझा काव्य संग्रह सहोदरी सोपान -२, दीपशिखा, शब्द कलश, पुष्पगंधा, सहोदरी सोपान 3 Email - sbmaithil@Gmail.com