लुटी मानवता:- इतिहास के पन्नों से
सरला भट्ट और गिरिजा टिक्कू की याद में…
ध्यान नहीं था, ध्यान नहीं है,
कश्मीर में मिटती मानवता की।
सरला, गिरिजा भूल गए सब,
भूले आतंकी ने कब हत्या की।।
अब ज्ञात हुआ प्यारे बंधू,
ये बात दूर तक जानी है।
जो हुए शहीद वतन पर,
वो सारी गाथा गानी है।।
कुछ आप कहें, कुछ हम,
कुछ औरों से कहलानी है।
जो भूले कलम की ताकत,
उन्हें ताकत वो बतलानी है।।
इतिहास के पन्नों को खोलें,
मिटती मानवता को टटोले,
कैसे वार हुआ प्रहरी पर,
आऔ सबसे मिलकर बोलें।।
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।। प्रदीप कुमार तिवारी।।
करौंदी कला, सुलतानपुर
7537807761