राखी बंधवाले मेरे मोहन
राखी बंधवाले मेरे मोहन मैं बलिहारी जाऊं
अब तो घर आजा मेरे मोहन मैं बलिहारी जाऊं-
1.मोरमुकुट तेरा लाके रखा है
शीश सजा ले मेरे मोहन मैं बलिहारी जाऊं-
2.पीताम्बर तेरा लाके रखा है
कंठ सजा ले मेरे मोहन मैं बलिहारी जाऊं-
3.मटकी में माखन-मिश्री लाके रखा है
भोग लगा ले मेरे मोहन मैं बलिहारी जाऊं-
4.अंगना में मेला सजाके रखा है
रास रचा ले मेरे मोहन मैं बलिहारी जाऊं-
बंसी सुना दे मेरे मोहन मैं बलिहारी जाऊं-
5.कब से खड़ी मैं तेरी बाट निहारूं
दरश दिखा दे मेरे मोहन मैं बलिहारी जाऊं-
इतनी-सी रखले मेरी बात मैं बलिहारी जाऊं-
(तर्ज़- कर दे दिलों के दुःख दूर मेरे शंकर भोले…)
आदरणीय बहनजी ! अति सुंदर भजन के लिए हार्दिक धन्यवाद ।